भोपाल, मध्यप्रदेश। मप्र पुलिस मुख्यालय लगातार विभाग को आधुनिक करता जा रहा है, जिसके लिए एक के बाद एक नवाचार किए जा रहे हैं। अब से कुछ समय पहले ई-एफआईआर की सुविधा शुरू की गई अब विवेचना के लिए ई-इंवेस्टिगेशन एप बनाया गया है। इस एप के माध्यम से विवेचना अधिकारी मौके पर ही साक्ष्य, बयान और फोटो एक जगह सुरक्षित कर सकते हैं। फिलहाल ई-इंवेस्टिगेशन एप का ढाई माह तक ट्रायल रन किया जाएगा। इसके बाद एप को विधिवत महकमे में चलन में लाया जाएगा।
शुक्रवार को विवेचना के लिए ई-इंवेस्टिगेशन एप के ट्रायल रन का शुभारंभ 26 नवंबर पुलिस मुख्यालय के नवीन भवन कांफेरेंस हॉल से किया गया। एप के ट्रायल रन के शुभारंभ कार्यक्रम में बताया गया कि ई-इंवेस्टिगेशन एप से विभाग में बड़ा परिवर्तन आएगा। एप से पुलिस विवेचना में जनता को पारदर्शिता दिखाई देगी। इसके अलावा कागज पर होने वाली विवेचना में कई बार बहुत से दस्तावेजों के इधर-उधर होने की शिकायतें की जाती, लेकिन ई-इंवेस्टिगेशन एप में एक बार जो भी दस्तावेज, फोटो, बयान समिट हो गए तो फिर हटाए या बदले नहीं जा सकते हैं।
ट्रायल रन में दिए गए सुझावों पर होगा सुधार :
ई-इंवेस्टिगेशन एप का ढाई माह का ट्रायल रन होगा। इस अवधि में विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों से सुझाव मांगे गए हैं। पीएचक्यू के पास आने वाले सुझावों के आधार पर एप में सुधार या सुविधा जोड़ी जाएगी, उसके बाद एप को विभाग में स्थाई रूप में शुरू किया जाएगा।
समय और कागज की होगी बचत :
मौजूदा समय में घटना होने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करने के बाद कागज तैयार करते हैं। कई बार वह थानों में पहुंचकर विवेचना संबंधी कार्य करने में देरी हो जाती है, लेकिन ई-इंवेस्टिगेशन एप के माध्यम से घटना स्थल पर ही सभी कार्य आसानी से हो जाएंगे। विवेचक एप में घटना स्थल के फोटो, ग्वाहों के बयान, सक्ष्यों की सूची, मौका-नक्शा सामिट कर सकते हैं। इसके अलावा विवेचक को इस एप में दिए गए खाने में डायरी नोट भी बोलकर दर्ज करने की सुविधा का लाभ मिलेगा। एप पर विवेचना करने से कागज की भी बचत होगी।
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