अपना-अपना करो सुधार की तर्ज पर यातायात विभाग Shubham Tiwari
मध्य प्रदेश

शहडोलः 'अपना-अपना करो सुधार' की तर्ज पर यातायात विभाग

शहडोल, मध्यप्रदेशः दिया तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहे संयुक्त कार्यालय के जिम्मेदार , मुखिया के स्टेनो सहित डीएम के बाबूओं के काटे चालान।

Author : Shubham Tiwari

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था जिन कंधों पर है, उन कंधों को मजबूत करने और मनमानी के आरोपों को बेबुनियाद करने के लिए यातायात विभाग ने एक पहल की जिसमें आधा सैॆकड़ा से अधिक कर्मचारी नियम तोड़ने वालों की लाईन में न सिर्फ खड़े नजर आये, बल्कि उन्होंने दोबारा ऐसा न करने की स्वीकृति के साथ ही जुर्माना भी भरा।

यातायात अधिकारी ने की जांच और काटे चालानः

जिला यातायात अधिकारी सुश्री राजमती परस्ते और आधा दर्जन अधीन कर्मचारियों ने जिला संयुक्त कार्यालय के मुख्य गेट पर लगभग 2 घंटे तक यहां कायदों को मुठ्ठी में लेकर आने वाले कर्मचारियों की जांच व चालानी कार्यवाही की, इस दौरान लगभग 50 चालान काटे गये, जिससे शासन को 12,500 रूपये के आस-पास राजस्व की आय भी हुई।

बिफर पड़े कलेक्टर के अधीन कर्मचारीः

चालानी कार्यवाही के दौरान कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ लिपिक अनिल त्रिपाठी अपनी बुलट पर बिना हेलमेट के जैसे ही संयुक्त कार्यालय में आए यातायात कर्मियों ने उन्हें रोककर हेलमेट की जानकारी ली, इस पर वे बिफर गये, महिला अधिकारी के खिलाफ झूठी कार्यवाही करने का न सिर्फ सार्वजनिक आरोप लगाया, बल्कि घर पर फोन करके तत्काल अपना हेलमेट मंगाया। साथ ही उन्होंने कोतवाली में पुलिस अधिकारी के खिलाफ झूठे चालान काटने का आरोप लगाते हुए, एफआईआर करने की धमकी दी। लेकिन उन्हें हेलमेट न पहनने का 250 रु का चालान भी भरना पड़ा।

नहीं बचे पुलिस और यातायात विभाग के कर्मचारीः

यातायात विभाग ने सोमवार को सबसे पहले अपने ही विभाग के कर्मचारियों को नियमों का पाठ-पढ़ाना शुरू किया, इस क्रम में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के स्टेनों सहित अन्य लिपिक और कई आरक्षक भी इस घेरे में आये, हालांकि पुलिसकर्मियों ने पकड़े जाने के बाद भविष्य में नियमों का पालन करने के साथ ही जुर्माना भरने में कोताही नहीं बरती।

मिली नसीहत, तो की तौबाः

पुलिस और कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा खनिज विभाग सहित आजीविका परियोजना, लोकसेवा गारंटी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी बड़ी संख्या में यातायात विभाग की जांच में फंसे, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे, जिन्होंने जांच के दौरान पकड़े जाने के तुरंत बाद ही इसे नसीहत मानते हुए जुर्माना देकर भविष्य में हेलमेट सहित यातायात विभाग के सभी कायदों को मानने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की।

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