राज एक्सप्रेस। इंटरनेट बैंकिंग के यूजर ID पासवर्ड चोरी कर बैंक खाता हैक कर उनके बैंक खाते से रजिस्टर्ड मोबाईल सिम को बंद कराकर फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से नई सिम खरीदते थे और उस सिम पर बैंक से भेजे गये OTP चोरी कर बैंक खाते से राशी अवैध रूप से आहरित कर लेते थे, इस गिरोह के सदस्यों (Net Banking ID Hackers) को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया हैै।
साइबर पुलिस ने 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार।
हैकर इंटरनेट बैंकिंग यूज करने वाले लोगों का बैंक खाता करते थे हैक।
हैकर बैंक खाते में रजिस्ट्रेशन नंबर की सिम बंद करा कर फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से करते थे नई सिम प्राप्त।
हैकर बड़े बिजनेसमैन को बनाते थे अपना निशाना।
प्रकरण के अन्य तीन आरोपियों को पूर्व में ही साइबर पुलिस कर चुकी है गिरफ्तार।
आरोपियों द्वारा देश के कई राज्यों में किया गया है इस तरह का अपराध घटित।
ये है आरोपियो के नाम :
मातादीन सिकरवार पिता इंदर सिंह सिकरवार जिला धौलपुर (राजस्थान) व्यवसाय-ट्रक ड्राइवर।
संजय प्रकाश पिता रामश्रंगार उपाध्याय जिला जमशेदपुर (झारखंड) व्यवसाय सीमेंट की बोरी बनाने की फैक्ट्री।
उक्त हैकर्स की गिरफ्तारी में निरीक्षक साइबर सेल लोकपाल भदौरिया, उप निरीक्षक उमेश ठाकुर प्रा.आर 533 अभिजीत, आर 1119 शमशेर सिंह की अहम भूमिका रही।
क्या थीं दोनों आरोपियों की भूमिका :
दरअसल, मातादीन सिकरवार आवेदक के खाते से ट्रांसफर अवैध धन को जमा कराने के लिए फर्जी बैंक खातें उपलब्ध कराना और संजय प्रकाश फर्जी दस्तावेजों पर अपनी फोटो लगाकर आवेदक की सिम बंद कराकर उसकी जगह नई सिम लेनेे की भूमिका निभाते थे।
कैसे हुआ खुलासा :
फरियादी मुकेश कावरे द्वारा दिनांक 11/04/19 को सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल में एक शिकायती आवेदन पेश किया कि, अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनके ओरियन्टल बैंक खाते को हैक कर इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से 16,34,000 रूपये का अवैध आहरण कर लिया गया है। आवेदक द्वारा ये भी बताया गया कि, दिनांक 09/04/19 को उनके बैंक खाते में रजिस्टर्ड सिम अचानक बंद हो गई, जिसे आवेदक द्वारा 11/04/19 को शुरू कराया गया था।
प्रकरण में कोटक महिन्द्र बैंक का खाता धारक/ उपयोगकर्ता अनुराग सालवेकर निवासी मुंबई को 20/06/19 को चालिसगांव महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया, इसके बाद उसने बताया कि, उसमें सहयोगी विनोद मिश्रा द्वारा खाते में अवैध रूपये आने, जिसमें से 50% हिस्सा मिलने की बात कहीं गई थी। इसके बाद 22/06/19 को विनोद मिश्रा को गिरफ्तार किया। विनोद मिश्रा एवं अनिल जोशी को केन्द्रीय जेल का लाया गया, जिसने अपने अन्य साथी मातादीन एवं संजय का नाम भी इस उक्त प्रकरण में मिला होना बताया है।
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