रेत माफिया बना गांव का सरपंच Prafulla Tiwari
मध्य प्रदेश

रेत माफिया बना गांव का सरपंच, अधिकारियों का मिला संरक्षण, अब कर रहे खुलेआम रेत कारोबार

माफिया-माईनिंग के गठजोड़ से खनन पर प्रतिबंध बेअसर, रात के अंधेरे में चोरी से निकाल रहे रेत। डोंगरवाड़ा-बरण्डुआ क्षेत्र बना रेत कारोबार का गढ़, माफिया बने जनप्रतिनिधि, अधिकारी नहीं कर पा रहे कार्यवाही।

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। इन दिनों रेत खदान बंद होने के बाद भी रेत का खनन जारी है। माफिया और माइनिंग अमले की मिलीभगत से धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है। जिले के साथ ही आसपास के शहरों में चोरी छिपे रेत बेची जा रही है। लेकिन खनिज विभाग के अफसरों को कार्यवाही की फुर्सत नहीं है। फुर्सत मिले भी कैसे आखिर सारा कारोबार मिलीभगत से जो चल रहा है। बता दें कि डोंगरवाड़ा, बरण्डुआ सहित अनेक नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में सत्ताधारी नेताओं की मिली भगत से रेत का बड़े स्तर पर कारोबार किया जा रहा है। माफिया जनप्रतिनिधि के रूप में तब्दील होने के बाद से ही रेत का तो इन्हें परमिट ही मिल गया है। डोंगरवाड़ा का आदतन रेत माफिया रात के अंधेरे में रेत का बड़े स्तर पर कारोबार कर रहा है। जिसके खिलाफ दर्जनों शिकायतें और अपराध दर्ज होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है।

जानकारी के अनुसार जिला खनिज विभाग की मिलीभगत से रेत का काला कारोबार दिन-रात धड़ल्ले से चल रहा है। अफसरों और अधिकारियों को सब जानकारी होने के बाद भी रेत का खेल जारी है। बता दें कि निमसाडिय़ा, जासलपुर, मरोड़ा, आंचलखेड़ा, देवलाखेड़ी, मनवाड़ा, तवा पुल, खोजनपुर, पुलघाट, रायपुर सहित अन्य खदानों पर दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन जारी है। खनिज विभाग सिर्फ छोटी मोटी कार्यवाही कर बड़े अफसरों के सामने अपनी पीठ थपथपाने के लिए यह कार्यवाही छोटी मोटी की जाती है, लेकिन बड़े रेत माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है । रेत का अवैध उत्खनन धडल्ले से किया जा रहा है खनन माफिया इतने प्रभावशाली है कि उनकी गाड़ी भी अफसर पकडऩे में कतराते हैं, रेत की खदानों पर रात 12 बजे के बाद से लेकर सुबह 6 बजे तक रेत खदानों से निकाली जा रही है। अवैध रूप से यह सब जानकारी जिला खनिज विभाग के पास होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती यदि इन अफसरों के मोबाइल और लोकेशन ट्रेस किये जाए तो पूरे मामले का खुलासा हो सकता है, कि किन-किन के फोन आते हैं और कौन किस से जुड़ा है।

छोटी मोटी कार्यवाही कर थपथपाई जाती है पीठ, बड़े माफिया को छूट :

खनिज विभाग के अधिकारी और अमला डंपर और ट्रकों की अनदेखी कर कभी कभार कोई ट्रेक्टर ट्राली पकड़ कर कार्यवाही का ढिंढोरा पीटकर शासन और जनता में यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि वे कितने सक्रिय हैं लेकिन वास्तव में यह सक्रियता औपचारिक कार्यवाही तक ही नजर आती है। खदानों में रात के अंधेरे में रेत निकाली जा रही है और उसे उजाला होने के पहले ही लोड करके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है। अवैध रेत के कारोबार में ज्यादातर बड़े लोग माफिया में शामिल है, जिनकी खनिज विभाग से मिलीभगत जग जाहिर है। यही कारण है कि सूचना और जानकारी होने के बाद न तो खदानों पर रेड डाली जाती है और न ही अवैध रेत ढो रहे ट्रक डंपर पकड़े जाते है।

इनका कहना :

रेत के अवैध परिवहन पर लगातार कार्रवाई जारी है। डोंगरवाड़ा सहित अन्य खदानों पर भी अवैध उत्खनन करने वाले रेत माफियाओं पर दबिश दी जा रही है।
दिवेश मरकाम, जिला खनिज अधिकारी

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT