नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। विवादों में रही सिवनीमालवा पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। मामला ग्राम भमेड़ी की एक मोटर सायकल चोरी का है। जिसमें पुलिस ने एक 18 वर्षीय आदिवासी युवक को चोरी के आरोप में लगभग 5 दिन तक थाने में रखा। बाद में उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया। घर जाने के बाद में युवक की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई। युवक के परिजनों ने आरोप लगाया कि थाने में प्रताड़ना के चलते यह घटना हुई है। परिजनों के अनुसार पुलिस ने बिना मामला दर्ज किए युवक को 5 दिन तक थाने में गिरफ्तार कर रखा और प्रताड़ित किया, जिससे मौत हुई है।
क्या है पूरा मामला :
ग्राम भमेड़ी में मोटरसायकल चोरी का मामला थाने में दर्ज हुआ था।इस मामले में पुलिस ने संदेह के आधार पर ग्राम नन्दरवाड़ा निवासी अभिषेक परते पिता रामस्वरूप परते 18 वर्ष को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। लेकिन पुलिस की यह कथित पूछताछ लगभग 5 दिन चली और युवक को थाने में ही में रखा गया, जिसके बाद पुलिस ने बिना किसी कार्यवाही के युवक को छोड़ दिया था। लेकिन पुलिस की प्रताड़ना और कार्यशैली के चलते युवक की मौत का आरोप पुलिस पर लग रहा है। आखिर जब उक्त युवक ने कोई अपराध नहीं किया था तो 5 दिनों तक उसे थाने में क्यो बैठाया गया? थाने में युवक को बैठाये रखने की कोई लिखा पढ़ी नहीं की गई।
आईजी से की शिकायत :
आदिवासी युवक की मौत को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सक्रिय हो गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष उमेद सिंह जाट के नेतृत्व में पुलिस प्रताड़ना के बाद आदिवासी युवक की मौत की जांच की मांग करते हुए पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें सिवनी मालवा पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए है। मृतक युवक की मां बैजंती परते का कहना है कि मेरे बेटे को घर से पुलिस वाले पकड़ कर ले गए थे और पांच दिन तक थाने में रखा था, पांच दिन बाद बेटे को जैसे तैसे पुलिस ने छोड़ तो दिया लेकिन पुलिस हमें लगातार परेशान करती रही और दबाव बनाते रही, जिसके कारण मेरा बेटा बहुत परेशान था। थाने से छूटने के एक दिन बाद ही मेरे बेटा घर पर मरा हुआ मिला, उस वक्त घर पर कोई नहीं था। हम मजदूरी करने गए थे।
एसपी के निर्देश को दिखाया ठेंगा :
गौरतलब है पुलिस अधीक्षक गुरकरण सिंह के जिले के पूरे थानों को स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी मामले में पूछताछ के लिए बुलाए लोगों को रात्रि में पुलिस थाने में ना रखा जाए। बावजूद इसके युवक को 5 दिनों तक थाने में बिठाए रखना एसपी के निर्देशों को ठेंगा दिखाया जाना बताया जा रहा है।
इनका कहना :
मामला संज्ञान में आया है, सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी। थाने में किसी को भी पूछताछ के लिए रात भर नहीं बैठाया जाता है। अगर 5 दिन तक किसी को पूछताछ के लिए रखा गया था, तो यह गलत है। मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की जाएगी।आकांक्षा चतुर्वेदी, एसडीओपी
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