नर्मदापुरम। शहर के कुछ कालोनाइजर्स द्वारा लोगों को स्वर्ग से सुंदर घर का सपना दिखाकर प्लाट और आवास बेच दिए, लेकिन इनमें से कई कालोनियों में आवासों की स्थिति इतनी बदतर है कि खरीददारों को स्वर्ग से सुंदर घर की बजाए नर्क से बदतर घर मिलने का अहसास हो रहा है। कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं गायब है, सड़क, पार्किंग, पार्क, पेयजल, खेल मैदान, सीवरेज लाइन जैसी सुविधां तो दूर, आलम यह है कि कई मकानों में इतना घटिया काम हुआ है कि छते टपक रही है, दीवारों में दरारें है, कालोनियों में बरसात का पानी घरों के अंदर घुस जाता है, तो कुछ में रहवासियों का निकलना दूभर हो गया है। शिकायतों का अंबार है। परेशान लोग सरकारी आफिसों के चक्कर काट रहे हैंं।
इस समस्या को देखते हुए नगर पालिका ने शहर के कालोनाइजर्स की एक सूची तैयार कर होर्डिंग बोर्ड पर चस्पा की है, ताकि कालोनी के रहवासी अपने कालोनाइजर्स से जुड़ी समस्या या शिकायत नगर पालिका मेें कर सकें। नगर पालिका ने शहर के अवैध कालोनाइजरों की सूची जारी की है, उक्त सूची में उल्लेख किया है कि यदि किसी व्यक्ति को कॉलोनाइजरों से कोई आपत्ति या कोई शिकायत हो तो अपनी आपत्ति नगरपालिका में दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि नगर पालिका ने लगभग 29 कॉलोनाइजरों की सूची बनाकर होर्डिंग पर चप्पा की है।
शहर की अधिकांश कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, और कुछ कॉलोनी में निकासी की व्यवस्था तक नहीं की गई। सबसे बड़ी बात यह है कि इन कालोनाइजरों ने मकान बनाते समय तो बड़े-बड़े सपने दिखाए, लेकिन आज इन कालोनियों में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है कई कालोनियों में बिना किसी अनुमति के ही कालोनी बना दी।
बिना जांच पड़ताल के ही जारी कर दी एनओसी, लेनदेन भी हुआ
नगर पालिका ने इन कॉलोनी बनाने वाले कालोनाइजरों को बिना जांच-पड़ताल के एनओसी दे दी और एनओसी जारी करने में बड़ी रकम भी वसूली गई है। जबकि इन कॉलोनी में हालात इतने बुरे है कि लोग अपने घर में रहने के बजाय किराए के मकान में रह रहे हैं। कुछ कॉलोनी वालों ने पैसा ले लिया है उन्हें मकान एलाट नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण मकान खरीदने वाले ग्राहकों की फजीहत भी हो रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि हमने बैंकों से बड़ा लोन लेकर कॉलोनाइजर से मकान तो ले लिया, लेकिन 2 साल कोरोना काल में बैंक की किश्त जमा नहीं होने के कारण बैंक के अधिकारी और अफसर भी वसूली के लिये परेशान कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में हम कहां जाएं।
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