नर्मदापुरम। नेताजी सुुभाषचंद्र बोस बालक छात्रावास पवारखेड़ा में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में छात्रावास संचालन में जो कोविड काल में बंद था, को संचालित बताकर बीआरसी एवं वार्डन की मिलीभगत से गंभीर आर्थिक अनियमिताओं का मामला सामने आया है। वितीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस बालक छात्रावास में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं। जिसमें वार्डन,जनशिक्षक संतोष साहू का बीआरसी आनंद शर्मा पर आरोप, धमकी देकर ब्लेंक चैक पर हस्ताक्षर कराने तक के आरोप लगे हैं।
जिसकी पुष्टि जिला शिक्षा केन्द्र में दिये गये आवेदन से की जा सकती है। जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 20 से 31 मार्च 21 तक की अवधी में सीए की आडिट रिपोर्ट में बिल दिनांक 17.02.2020 में राशि 51 हजार, 10 मार्च 20 में राशि 45 हजार, बिल क्र 11 दिनांक 17 मई 2020 में छात्रावास के लिये इनोवा गाड़ी अनुबंधित की गई। इसी प्रकार लेपटॉप एवं टीबी क्रय की गई जो कि अनियमित रूप से की गई है, जिसमें आडिट आपत्ति दर्ज है, जो कि शासन को लाखों का चूना लगाकर जानबूझ कर शासकीय अभिलेख से छेड़छाड़ का प्रतीक है।
सेवानिवृत्त होने के बाद भी वार्डन ने दिया धांधली को अंजाम
जिला शिक्षा केन्द्र के आदेश क्र 820/2021/ होशंगाबाद/ 05.072021 जिस सेवानिवृत्त सहायक शिक्षक को संविदा सहा. शिक्षक, सहायक वार्डन नेताजी सुभाषचंद्र बोस बालक छात्रावास पवारखेड़ा से समय सीमा पूर्ण हो जाने के कारण संबंधित की संविदा नियुक्ति समाप्त की गई थी, किन्तु बीआरसी द्वारा पत्र क्र/सूअधि /जशिके/ 225/2022 नर्मदापुरम दिनांक 23.05.2022 के द्वारा उसी वार्डन पीएन मीना से कार्य कराया गया है। सहायक वार्डन की संविदा नियुक्ति 05.07 2021 में समाप्त हो गई थी किंतु उन्हीं के पास फर्जी हस्ताक्षर से देहात थाना होशंगाबाद को गुमराह करने की नियत से फर्जी रिपोर्ट 02.11.2021 को दर्ज कराई गई, जिसने यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार को छिपाया गया है ताकि उक्त भ्रष्टाचार की कोई जांच भी न कर सके। उसके पश्चात 2020-21 एवं 2021-22 बीआरसी आनंद शर्मा द्वारा ऑडिट कराया गया, जिसमें आपत्ति लगाई गई। हालाकि इस मामले में शिकायतों के बाद जांच की गई, लेकिन जांच में लीपापोती के आरोप भी लगे हैं। अधिकारियों ने दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया है।
इनका कहना है
शिकायत निराधार व झूठी है जबकि ऐसा कोई मामला हुआ ही नहीं। इस मामले में जांच भी हो चुकी है।
आनंद शर्मा, बीआरसी
इस मामले में जांच हो चुकी है, ऐसे कोई प्रमाणिक तथ्य सामने नहीं आये हैं, बीआरसी को वित्तीय लेनदेन का अधिकार नहीं है। शिकायतकर्ता व्यक्तिगत द्वेष भावना रखता है।
अजय कुम्हारे, डीपीसी, नर्मदापुरम
वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में बालक छात्रावास में वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों को की गई है मामले में अधिकारी लीपापोती कर रहे हैं।
सुनील कुमार मालवीय, शिकायतकर्ता
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