कोर्ट से फरार हुए आरोपी  Rajexpress
मध्य प्रदेश

Narmadapuram: आरोपियों को न्यायालय लाई पुलिस, जमानत खारिज होते ही फरार हुए धोखाधड़ी के आरोपी

बाबई पुलिस आरोपियों को लेकर चालान पेश करने जिला न्यायालय पहुंची थी, जहां न्यायाधीश ने दोनों की जमानत निरस्त कर दी ।

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम,मध्यप्रदेश । जिला न्यायालय परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब जमानत खारिज होते ही धोखाधड़ी के आरोपी व्यापारी फरार हो गये। माखननगर बाबई के वेयरहाउस संचालक अनिल डेरिया पिता मूलचंद डेरिया एवं उनके मुनीम अशोक व्यास को लेकर पुलिस चालान पेश करने कोर्ट पहुंची थी, जहां गुरुवार देर शाम विद्वान न्यायाधीश ने दोनों की जमानत निरस्त कर दी और पुलिस जैसे ही आरोपियों को अभिरक्षा में लेने गई, तब तक दोनों आरोपी मौका पाकर कोर्ट से फरार हो गये। जिससे न्यायालय में अफरा-तरफी की स्थिति बन गई।

जानकारी के अनुसार माखननगर निवासी अनिल डेहरिया एवं अशोक व्यास वेयरहाउस संचालक हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रदीप मीना ने वेयरहाउस में अनाज का भंडारण किया था, जिसे वेयरहाउस संचालक ने चोरी-छिपे उसका अनाज बेच दिया था। जिस पर प्रदीप मीना ने पुलिस थाना बाबई में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। बाबई पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद अनिल डेहरिया एवं अशोक व्यास के खिलाफ धारा 420, 406, 506, 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। इसके बाद आरोपियों ने पुलिस थाना बाबई से जमानत ले ली थी।

गुरूवार को बाबई पुलिस आरोपियों को लेकर चालान पेश करने जिला न्यायालय पहुंची थी, जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनुभूति गुप्ता की अदालत में चालान पेश किया गया एवं विद्वान न्यायाधीश ने दोनों की जमानत निरस्त कर दी, जिसकी भनक लगते ही आरोपी कोर्ट से फरार हो गए। आरोपियों के फरार होने के बाद पुलिस उनकी खोजबीन में जुट गई, लेकिन देर रात तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है।

नहीं हो सका टीआई से संपर्क

इस मामले को लेकर बाबई पुलिस से संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस मामले में कोतवाली टीआई से भी संपर्क नहीं हो सका। 

इनका कहना है

मेरे द्वारा कोरोना काल में वर्ष 2021 में अनिल डेरिया के वेयरहाउस में अनाज का भंडार किया था, जिसे करीब 6 महीने बाद वापिस लेने के लिये पहुंचा तो मेरा अनाज चोरी-छिपे बेच दिया था। इसकी शिकायत बाबई थाने में की गई। धोखधाड़ी के आरोपी प्रभावशाली हैं और कांग्रेस नेता के छोटे भाई है, जिस कारण मामला देरी से पंजीबद्ध हुआ था। 

प्रदीप मीना, प्रार्थी

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