राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के नागदा शहर में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के मामले में पहचान बनाने वाली नायब तहसीलदार ने अपने जन्मदिन पर ही नियम को ताक में रखकर गांव रुपेटा में फार्म हाउस पर 40 से 50 व्यक्ति की पार्टी रखकर जन्मदिन मनाया। मीडिया जब मौके पर पहुंची तो उनके साथ वाहन में घूमने वाले दीवाल कूदकर भाग गए। मौके पर भोजन बनाने वाले ही मिले। उन्होंनें बताया कि जन्मदिन की पार्टी के लिए भोजन बनाया गया। बात बढ़ने के बाद कुछ बचा भोजन गरीबों में बांट दिया।
फार्म हाउस में रखी पार्टी आई घेरे में
आपको बताते चलें कि, गुरुवार को नायब तहसीलदार सलोनी पटवा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गांव रुपेटा स्थित एक फार्म हाउस पर रखी पार्टी विवादों के घेरे में आ गई। लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने वैवाहिक समारोह की अनुमति नहीं दी, यहां तक पवित्र रमजान के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की बात कहकर नमाज अदा करने की भी अनुमति नहीं थी। मंदिरों में भी इन्हीं नायब तहसीलदार ने पूजा करने पर दशहरा मैदान के पुजारी को लताड़ लगाई। धार्मिक कार्यक्रमों में भी चार लोगों से की अनुमति नहीं दी, सबसे बड़ी बात तो यह कि अंतिम संस्कार भी 20 लोगों से ज्यादा की अनुमति नहीं दी। जब अपने जन्मदिन की बारी आई तो नियम ताक में रखकर 40 से अधिक लोगों की सेलिब्रेशन पार्टी रख ली। जानकारी लगने पर मीडिया मौके पर पहुंचा तो उनके साथ गाड़ी में घूमने वाली कर्मचारी वहां उपस्थित थे। उनसे जब चर्चा करने का प्रयास किया तो कुछ तो दीवाल कूदकर भाग गए, जो शेष बचे उन्होंने मुंह पर कपड़ा बांधकर मीडिया से चर्चा नहीं की।
जब नियम की ही जानकारी नहीं तो अधिकारी किस काम के
नियम का पालन कराने वाली नायब तहसीलदार को नियम की ही जानकारी नहीं, जबकि लॉकडाउन व कर्फ़्यू के चलते 40-50 लोगों का एक जगह भोजन कराते हैं तो उसकी अनुमति एसडीएम से लेना होती है। इस मामले में उन्होंने अनुमति लेना तो ठीक एसडीएम को पार्टी की जानकारी भी नहीं दी। ग्रामीण क्षेत्र के दौरे के समय एसडीएम के साथ नायब तहसीलदार भी थी। जब एसडीएम ने गेहूं उपार्जन केंद्र की तरफ गाड़ी मोड़ी तो पटवा ने उनसे घर जाने की अनुमति मांगी। इसके पहले एसडीएम को पार्टी की जानकारी लग चुकी थी, उन्होंने पटवा से कहा कि ऐसी कोई पार्टी रखी है क्या। तो उन्होंने बताया कि पारिवारिक व इष्टमित्रों की पार्टी रखी है। इस पर उन्होंने स्पष्ट इंकार कर दिया कि नियम विरुद्ध कोई काम नहीं करना है।
सलोनी का पति बोल रहा हूं....
पंद्रह मिनट बाद पटवा के पति का फोन एसडीएम वर्मा के पास आया, मोबाईल पर संदीप नाम कॉलर आईडी पर आया। उन्होंने ने बताया कि मैं सलोनी का पति बोल रहा हूं। उसके जन्मदिन की सेलिब्रेशन पार्टी इष्ट मित्रों पारिवारिक लोगों के लिए रखी है। इस पर एसडीएम ने उन्हें भी स्पष्ट इंकार किया कि यह नियम विरुद्ध कर्फ्यू व लॉकडाउन में चार से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकते हैं इस पार्टी को निरस्त कर देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
मुझसे कोई अनुमति नहीं ली
इस संबंध में सलोनी पटवा ने कहा कि मुझे नियम की जानकारी नहीं है यदि भोजन बनवाना है तो भी अनुमति लेना पड़ेगी। हमनें एसडीएम को पार्टी की जानकारी दे दी थी। पटवा का यह कहना हैं कि जानकारी दे दी थी ओर एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि मैंने उन्हें मना किया था। इससे यह सिद्ध हो गया कि नियम को ताक में रखकर नायब तहसीलदार पटवा व उनके पति ने पार्टी रखकर बता दिया कि हम शहर के मालिक हैं हम जो चाहेंगे वह कर सकते हैं।
दस बजे बाद कौन से गरीबों का भोजन कराया जाता
विवाद जब बढ़ने लगा तो सुबह नायब तहसीलदार ने अपने बचाव का तरीका ढूंढते हुए कहा कि भोजन तो ज्यादा लोगों का बनवाना था, पर लेट होने के कारण 40-50 लोगों का ही बनवाया। उसे गरीबों में वितरित करवा दिया। जबकि भोजन का समय सात से लेकर नौ बजे तक रहता है। रात को साढ़े नौ बजे बाद कौन से गरीबों को भोजन कराया, यह बात गले नहीं उतर रही है। इससे यह सिद्ध हो गया कि लॉकडाउन के दौरान पटवा ने शहर में लॉकडाउन पालन कराकर जो वाहवाही लूटी उससे वह इतनी उत्साहित हो गई कि खुद ही नियम तोड़कर अपने वरिष्ठों के आदेश को भी दरकिनार कर दिया।
मेरे जन्मदिन पर ज्यादा लोगों का भोजन बनवाना था, ग्रामीण दौरे के कारण लेट हो गए। इसलिए 40-50 लोगों का ही भोजन बनवाया। वह गरीबों में बांट दिया गया। भोजन बनाने में ही अनुमति लेना पड़ती है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। एसडीएम साहब को अवगत करा दिया था।सलोनी पटवा, नायब तहसीलदार नागदा
मुझे भोजन बनाने की कोई सूचना नहीं दी। मेरे पास जानकारी आई कि पार्टी होने वाली है सलोनी ने मुझे फोन कर घर जाने की अनुमति मांगी थी तो मैंने आगे रहकर उन्हें चेतावनी दी कि नियम विरुद्ध कोई काम मत करना। इसके 15 मिनट सलोनी के पति का फोन आया उन्होंने बताया कि 40-50 लोग घर पर व इष्टमित्रों की पार्टी रखी है। मैंने उन्हें भी स्पष्ट मना कर दिया था। यदि उसके बाद भी नियम विरुद्ध यदि कोई कार्य किया है तो वह ठीक नहीं है।रामप्रसाद वर्मा, एसडीएम नागदा
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