राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के नागदा क्षेत्र में बारदाने के अभाव में शनिवार को सुबह से बैरछा उपार्जन केंद्र पर समर्थन मूल्य की खरीदी बंद रही, जिसके कारण चिलचिलाती धूप में लगभग 106 ट्रेक्टर ट्रालियों के किसानों को इंतजार करना पड़ा। उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। जबकि समर्थन मूल्य की खरीदी की अंतिम तिथि 31 मई है।
किसानों में सरकार के खिलाफ बढ़ रहा आक्रोश
समर्थन मूल्य की खरीदी को लेकर बड़े किसानों को अभी भी एसएमएस नहीं मिले, जिसके कारण किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। बैरछा उपार्जन केंद्र पर शनिवार की सुबह से बारदाने के अभाव में समर्थन मूल्य की खरीदी बंद थी, जिसके कारण उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। किसान दुलेसिंह अटलावदा ने बताया कि लगभग 231 क्विंटल गेहूं के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन 31 मई नजदीक आने के बाद अभी तक एसएमएम नहीं मिला है। निनावटखेड़ के माधुसिंह ने बताया कि लगभग पांच ट्राली गेहूं था, तीन ट्राली तो समर्थन मूल्य की खरीदी में तौल दिया, लेकिन अब दो ट्राली के लिए विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। गांव अटलावदा के बहादुरसिंह ने बताया कि 250 बोरी गेहूं समर्थन मूल्य की खरीदी में देना है, लेकिन एसएमएस नहीं मिलने के कारण परेशानी हो रही है वहीं समर्थन मूल्य की खरीदी की अंतिम तिथि आगे बढ़ेगी या नहीं इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। ग्रामीण युवक समरथ ने बताया कि तीन दिन से लाईन में लगे है, लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया है। इधर 48 घंटे पूर्ण होने के बाद एसएमएस एक्सपायर होने की चिंता सता रही है। यदि एकबार एसएमसए एक्सपायर हो गया तो दोबारा एसएमएम के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगी।
बड़े किसानों को अभी तक नहीं मिले एसएमएस
किसान रामसिंह ने बताया कि 16 मई को लगभग 130 बोरी गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचा था, लेकिन 30 मई के बाद भी भुगतान नहीं हुआ, जिसके कारण किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रामसिंह ने बताया कि उपार्जन केंद्र का माल जब तक परिवाहन होकर वेयर हाउस में जमा नहीं हो जाता है तब तक किसानों को उपज का भुगतान नहीं होगा। उपार्जन केंद्र वर्तमान में लगभग 12 हजार 837 क्विंटल खुले मैदान में स्टॉक है ऐसे में यदि बारिश हो जाती है तो गेहूं पानी में गिला हो सकता है। केंद्र के कर्मचारियों का कहना है कि प्रतिदिन चार ट्रेक्टर परिवाहन के लिए पहुंच रहे है लेकिन इससे अधिक उपज प्रतिदिन समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है। एक बड़े किसान को एसएमएस नहीं मिला तो उसने तीन ट्राली में गेहूं की उपज भरकर उपार्जन केंद्र पर खड़ी कर दी, जिसको लगभग पांच दिन से अधिक हो गए है। उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है।
12 हजार 837 क्विंटल उपज खुले मैदान में स्टॉक
उपार्जन केंद्र प्रभारी रमेश विश्वकर्मा के अनुसार अभी तक 200 गठान मिली है, लेकिन इसके बाद भी अभी 120 गठान की आवश्यकता है। बारदान के अभाव में शनिवार की सुबह से समर्थन मूल्य की खरीदी नहीं हो सकी। शनिवार की शाम को बारदान नागदा पहुंचा है अब बैरछा लाकर उसकी छपाई होने के बाद खरीदी शुरु हो सकेगी। रविवार अवकाश के बाद किसानों को नंबर अब सोमवार को आएगा। विश्वकर्मा ने बताया कि 893 पंजीकृत किसानों में से 600 किसानों को गेहूं की उपज का भुगतान हो चूका है जिसमें से 167 किसानों को भुगतान होना शेष है। 767 किसानों से 50 हजार 290 क्विंटल गेहूं की खरीदी की जा चूकी है इसमें से 37 हजार 453 क्विंटल उपज का परिवाहन हो चूका है जबकि 12 हजार 837 उपज खुले मैदान में स्टॉक है ऐसे में यदि बारिश होती है तो लगभग 50 हजार रुपए की बरसाती वैकिल्पक व्यवस्था में रुप में उपलब्ध है।
बैरछा उपार्जन केंद्र पर बारदाने के अभाव में शनिवार की सुबह से समर्थन मूल्य की खरीदी नहीं हो सकी, दोपहर में बारदाना उपार्जन केंद्र को उपलब्ध कराया दिया गया है। रविवार को भी खरीदी हो इसको लेकर संबंधित कर्मचारियों को निर्देशित किया जा रहा है ताकि किसानों को राहत मिल सके।रामप्रसाद वर्मा, एसडीएम, नागदा
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी
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