नागदा: भाजपा शुरू करेगी किसानों के हितों के रुके हुए कार्य- शेखावत Social Media
मध्य प्रदेश

नागदा: भाजपा शुरू करेगी किसानों के हितों के रुके हुए कार्य- शेखावत

नागदा। किसान हितैषी अपने आपको बताने वाली कांग्रेस की डेढ़ वर्ष सरकार होने के बाद भी 135 हैक्टेयर सिंचाई के लिए निर्माण होने वाले वाचाखेड़ी के तालाब की स्वीकृति 2017 में हुई।

Author : Gopal Mavar

नागदा, मध्यप्रदेश। किसान हितैषी अपने आपको बताने वाली कांग्रेस की डेढ़ वर्ष सरकार होने के बाद भी 135 हैक्टयर सिचाई के लिए निर्माण होने वाले वाचाखेड़ी के तालाब की स्वीकृति 2017 में हुई। इसका भूमिपूजन 26 नवंबर 2017 को कर कार्य प्रारंभ हो गया था। 2018 में तालाब में कुछ पानी भी भर गया था। वर्तमान कांग्रेस विधायक की उदासीनता के चलते कार्य के दौरान कुछ त्रुटियां तक ठीक नहीं हो पाई इसके कारण कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वाचाखेड़ी तालाब के किनारे बस्ती के कुछ मकान भी डूब में आ सकते हैं। उनका भी कोई हल आज तक नहीं हो पाया।

पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने चर्चा में विधायक पर निष्क्रियता के आरोप लगाते हुए कही। उन्होंने कहा की 328.38 लाख रूपये की लागत से 135 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए वाचाखेड़ी तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति मप्र में भाजपा की सरकार में 13 जुलाई 2017 को हुई। तालाब के निर्माण से वाचाखेड़ी, चन्दवासला, लसुडिय़ा, बिलवानिया एवं इस तालाब के बनने से चिरोला गाँव तक वाटर लेवल बढ़ेगा। साथ ही सैकड़ों किसानों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ होगा।

शेखावत के अनुसार तालाब का भूमिपूजन 26 नंवबर 2017 को कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया। वर्ष 2018 में इस तालाब में कुछ पानी भी भरा था इसी दरमियान तालाब की पाल में लीकेज हुआ। वर्तमान विधायक की निष्क्रियता के कारण जिस तालाब में वर्ष 2019 में पानी भर कर सिंचाई होनी थी वह नहीं भर पाया। उन्होंने यह भी बताया कि जब तालाब पूर्ण रूप से भरेगा तक वाचाखेड़ी, चन्दवासला के 40 किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन की सिंचाई हो सकेगी।

तालाब निर्माण के दौरान रास्ता बनाने के लिए 10-11 लाख रूपये का बजट प्रावधान भी है। इसके बाद भी रास्ते का काम प्रारंभ नही हुआ। यदि निर्माण हो जाता तो गांव के एक अजा बस्ती है उसके 10-12 मकान ढुब में आने की संभावना है। शेखावत ने बताया की खाचरौद एसडीएम से चर्चा की है वह जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर तालाब भरने का लेबल पता लगाए जो मकान ढुब में आ रहे है उन्हें अन्य जगह स्थापित किया जाए।

इन डेमों का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका

शेखावत ने आरोप लगाया की बागेड़ी नदी पर बागेड़ी गांव के पास डेम दिनांक 29/8/2018 को स्वीकृत हो गया था जिसकी लागत 172.83 लाख रूपये है। जिससे 275 हे. भूमि में सिंचाई होगी। इस डेम के बनने से बड़ागांव, सुरेल, संदला, लोहारी, पिपलोदा पंथ, सोनचिढ़ी, चंदवासला ऐसे आदि अनेक गांवो के किसानों को निश्चित लाभ होगा। साथ ही बागेड़ी नदी पर पाड़सुतिया गांव के समीप डेम, जिस डेम की मांग अनेक वर्षो से किसान करते आए है, यह डेम जिसकी स्वीकृति दि. 29/5/2018 को हो गई थी। जिसकी लागत 334.71 लाख रूपये है और इस डेम के बनने से 200 हे. भूमि में सिंचाई होगी। इस डेम से पाडसुतिया, पचलासी, उमरना, दडिय़ा, नायन आदि गांवो के सैकड़ो किसानों को लाभ होगा। लेकिन दुर्भाग्य है इस सम्पूर्ण क्षैत्र का कि इन डेमो को स्वीकृत हुए लगभग दो वर्ष हो गये है लेकिन आज तक इन डेमो का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका।

मलेनी-कुड़ेल नदी के संगम पर बांध निर्माण

मलेनी-कुड़ेल नदी के संगम पर 3 करोड 61 लाख रूपये की लागत से डेम बनाया गया। नाथुखेड़ी में 7 करोडी की लागत से, गोठड़ा माताजी में 3 करोड़ 50 लाख की लागत से, चंबल नदी पर राजगढ़, साथ ही कुड़ेल नदी पर ब्राह्मणखेड़ी पर, श्रीबच्छ एवं बागेड़ी नदी पर भीकमपुर में डेमो का श्रंखलाबद्ध निर्माण करवाया गया। इन डेमो के बनने से जहां मलेनी-कुड़ेल नदी 40 किलोमीटर तक लगातार भर दी । हमारा सपना है इसी प्रकार से बागेड़ी नदी को भी 40 किलोमीटर तक भर देंगे। इन डेमो के बनने से 2000 हे. से भी अधिक भूमि में सिंचाई का रकबा बढ़ा है। हमने 100 वर्षो से भी अधिक पुराना अंतलवासा तालाब के जीर्णोद्धार पर 1 करोड़ 83 लाख रूपये से भी अधिक खर्च किया एवं इसकी नहर को कनवास तक बनाने की स्वीकृत ली थी। लेकिन दुर्भाग्य से इस नहर का कार्य विगत डेढ़ वर्षो में नरसिंहगढ़ से आगे नहीं बढ़ पाया है।

इन तालाबों का जीर्णोद्धार हुआ

शेखावत के अनुसार सिपेड़ा, बनबना और बुरानाबाद तालाबों का जीर्णोद्धार भी करवाया था। आने वाले समय में बागेड़ी नदी पर बागेड़ी गांव के समीप, बागेड़ी नदी पर पाड़सुतिया गांव के समीप एवं बोरदिया गांव के समीप कुड़ेल नदी पर डेम बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता होगी। क्षेत्र में नये तालाबों का निर्माण हो यह भरसक प्रयास होगा। इन सब के कारण क्षेत्र के किसानों की खुशहाली के लिये जो-जो भी प्रयास होंगे उन प्रयासों में किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

सराफा व हेयर सैलून सहित 7 दुकान संचालक आज से खोल सकेंगे दुकान

नागदा। चौथे चरण के लॉकडाऊन की समाप्ति पर सोमवार से कुछ दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों को खोलने की अनुमति शासन ने दे दी थी। कुछ बचे दुकानदारो की मांग पर बुधवार को एसडीएम ने उन्हें भी चार जून से दोपहर 11 से शाम 5 बजे तक खोलने की छूट दी। इसमें हेयर सैलून के संचालकों को कड़ी शर्ताे के साथ अनुमति एसडीएम ने दी है।

लॉकडाऊन की समाप्ति पर सोमवार से राज्य शासन के निर्देशानुसार एसडीएम आरपी वर्मा ने सराफा, बर्तन, ट्रेलरिंग की दुकानो, फोटोग्राफर, प्रिंटिग प्रेस, सलुन व ब्युटीपार्लर को छोड़ अनुमति दी थी। तीन दिन बाजार ठीक ठाक चलते देख इन दुकानदारों की मांग पर बुधवार को इन्हें भी खोलने की अनुमति जारी कर दी। 4 जून से यह दुकाने भी दोपहर 11 से शाम 5 बजे तक खुल सकेगी। इसमें ब्युटीपार्लर व हेयर सैलून के दुकानदारों को कड़ी शर्तो के साथ अनुमति दी है।

इसमें कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति को प्रवेश नहीं देने की हिदायत देते हुए सलाह दी, सामान्य व्यक्ति को दुकान में प्रवेश करने के पूर्व हाथ धुलवाए, सेनेटाईज करे, केश हेयर सैलून की दुकान में काम करने वाले व्यक्ति को फेश मास्क, हेडग्लव्ज, ऐपरीन का उपयोग हर समय करना होगा, प्रत्येक ग्राहक के लिए पृथक से डिस्पोजल, तोलिया व पेपर का उपयोग करना होगा। सभी औजारों व उपकरणों को एक बार उपयोग करने के उपरांत सेनेटाईजर करना अनिवार्य होगा।

प्रत्येक ग्राहक का काम करने के बाद कर्मचारी को सेनेटाईज करना आवश्यक होगा। ऐसे ही पूर्व शर्तो के अनुसार अन्य दुकानें संचालित करना होगी। साथ ही हिदायत दी की निर्देशो का पालन नही करने वालो के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी। शनिवार-रविवार को संपूर्ण दुकाने बंद रहेंगी।

इनका कहना :

कुछ दुकानदारों को गुरूवार को सशर्त दुकान खोलने की अनुमति दी है। नियम का पालन नही करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

आरपी वर्मा, एसडीएम नागदा

सरकार ने लगाई वसूली पर रोक, वसूली के नाम पर गरीब महिलाओं को कर रहे हैं प्रताड़ित

नागदा। लॉकडाऊन के चलते लोग बेरोजगार होकर घर बैठे थे। केंद्र व राज्य सरकार ने गरीबों की मदद करते हुए घोषणा की थी की गरीबों व सामान्य वर्ग से कोई वसूली नहीं करने के आदेश दिए हैं। बैंके भी वसूली नहीं करेगी। समुह लोन देने वाली संस्थाओं ने सरकारों के आदेशों को दरकिनार कर लोनधारी गरीबों को वसूली के नाम पर प्रताड़ित कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस पार्षदों ने ऐसे कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौपा।

कोरोना महामारी के चलते केंद्र सरकार ने लॉकडाऊन की घोषणा की। चार चरण 68 दिन चले लॉकडाऊन के दौरान गरीब से लेकर अमीर तक को घर से निकलने की अनुमति नहीं थी। सारे कामकाज ठप हो गए। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने घोषणा की थी की लॉकडाऊन के चलते उद्योग व लघु उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों को घर बैठे वेतन मिलेगा। आरबीआई ने भी घोषणा की थी की लॉकडाऊन के दौरान कोई भी बैंक वसूली नहीं करेगी।

राज्य शासन ने भी इस दौरान गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया। ऐसी स्थिति में भी गरीब महिलाओं को समुह लोन देने वाली कंपनियों के कुछ अधिकारी व कर्मचारी गरीब महिलाओं के घर जाकर लोन की किश्ते जमा करने के लिए दबाव बना रहे है। साथ ही मानसिक प्रताड़ित भी कर रहे है। इसकी शिकायत भी कुछ महिलाओं ने की लेकिन कार्यवाही नहीं होने के कारण उनके हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं।

इसको लेकर कांग्रेस पार्षद जगदीश मिमरोट के नेतृत्व में बुधवार को एसडीएम आरपी वर्मा को एक ज्ञापन सौंपकर ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की। इस दौरान पूर्व पार्षद योगेश मीणा, कमलेश चावंड, पार्षद प्रतिनिधि दिनेश ररोतिया, महेंद्र यादव, अफसार मेव आदि मौजूद रहे।

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