हाईलाइट्स:
वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में गंभीर अपराधों में आई कमी
गैंगरेप और बलात्कार के प्रकरणों छ: माह में आई कमी
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध अपराधों में भी हुई कमी
साधारण चोरी की घटनाएं बढ़ीं, वाहन चोरी के प्रकरणों में आई कमी
भोपाल। मध्यप्रदेश अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB), पुलिस मुख्यालय ने वर्ष 2023 की प्रथम छ: माही अपराधों की समीक्षा की है। इस समीक्षा में प्रकाश में आया कि वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के प्रथम छ: महीने में कुल अपराध लगभग बराबर रहे हैं और सभी गंभीर अपराध जैसे हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती आदि में कमी आई है।
महिलाओं के विरुद्ध घटित होने वाले अपराध जैसे गैंगरेप में 33.05 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं बलात्कार के मामलों में भी विगत 6 महीने में कमी आई है। वर्ष 2022 में जहां बलात्कार के मामले 4160 दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2023 में यह मामले 3450 रहे हैं यानी इनमें 17.07 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा में पाया गया कि नकबजनी में 1.28 प्रतिशत की कमी आई है। सामान्य चोरी में 7.49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पशु चोरी के मामलों में 26.89 प्रतिशत और वाहन चोरी 8.19 प्रतिशत की कमी हुई है।
जनवरी से जून 2022 तक भादवि के तहत कुल अपराध जहां 159762 थे, वहीं जनवरी से जून 2023 तक कुल 160703 अपराध दर्ज हुए, जो लगभग बराबर रहे। इस वर्ष प्रथम छ: माह में गंभीर अपराधों जैसे हत्या में 9 प्रतिशत, हत्या के प्रयास में 13 प्रतिशत, डकैती में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
महिला संबंधी गंभीर अपराधों में कमी
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा जहां सभी थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है, वहीं ऑपरेशन आशा, मुस्कान, अभिमन्यु चलाए जा रहे हैं। वर्ष 2022 के प्रथम छ: माह में 4160 बलात्कार के मामले सामने आए थे, वहीं 2023 में जनवरी से जून तक 17.07 प्रतिशत कमी के साथ 3450 मामले दर्ज किए गए। बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों में भी 14.74 प्रतिशत की कमी आई है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रति अपराध
वर्ष 2022 के प्रथम छ: माह की तुलना में वर्ष 2023 में प्रदेश में अनुसूचित जाति (एससी) के विरुद्ध होने वाले अपराधों में 5.29 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2022 में अनुसूचित जाति के विरुद्ध 2213 अपराध घटित हुए थे जबिक इस वर्ष 2096 अपराध घटित हुए हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रति होने वाले अपराधों में 14.99 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2022 में अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध घटित अपराधों की संख्या 1094 थी, जबकि इस वर्ष प्रथम छ: माह में इन अपराधों की संख्या 930 दर्ज की गई है। पिछले तीन वर्षाें में औसत अपराध वृद्धि दर पूर्व के वर्षाें (13.5 प्रतिशत) की अपेक्षा मात्र एक चाैथाई (2.9 प्रतिशत) रह गई है। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 में गंभीर प्रकृति के अपराध जैसे हत्या में 26 प्रतिशत, हत्या के प्रयास में 44 प्रतिशत, बलात्कार में 12 प्रतिशत तथा आगजनी जैसे अपराधों में 43 प्रतिशत की कमी आई है। इसी प्रकार विगत वर्षाें की तुलना में हॉट स्पॉट में कमी आई है। वर्ष 2022 में हॉट स्पॉट की संख्या 906 थी, जो वर्ष 2023 में 566 रह गई है, इसमें 37 प्रतिशत की कमी आई है। इसी प्रकार हॉट स्पॉट क्षेत्रों में कुल घटित औसत मासिक अपराध वर्ष 2021 में 96 थे, जो वर्ष 2023 में घटकर 65 रहे गए हैं। इसमें 31 प्रतिशत की कमी आई है।
वर्ष 2022 -2023 के छमाही आंकड़े
हत्या:
2022- 1030
2023 - 937
प्रतिशत -9.03
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हत्या का प्रयास:
2022- 1002
2023 - 868
प्रतिशत -13.37
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डकैती:
2022- 67
2023 - 40
प्रतिशत -40.30
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गैंगरेप:
2022 - 239
2023 - 160
प्रतिशत-33.05
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बलात्कार:
2022 -4160
2023 -3450
प्रतिशत--17.07
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नकबजनी:
2022 - 4307
2023 - 4252
प्रतिशत -1.28
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चोरी:
2022 -17145
2023 -18430
प्रतिशत -7.49
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पशु चोरी:
2022 - 290
2023 - 212
प्रतिशत -26.89
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वाहन चोरी:
2022 -10551
2023 - 9686
प्रतिशत -8.19
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अनुसूचित जाति के विरुद्ध अपराध:
2022 - 2213
2023 -2096
प्रतिशत-5.29
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अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध अपराध:
2022 -1094
2023 -930
प्रतिशत -14.99
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अन्य अधिनियम:
2022 -120971
2023 -122668
प्रतिशत -1.40
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कुल अपराध:
2022 -159762
2023 -160703
प्रतिशत - 0.59
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