ग्वालियर। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने साफ किया कि जो लोग कमलनाथ सरकार के साथ गद्दारी करके गए थे उनके लिए अब कांग्रेस में कोई जगह नहीं है, क्योंकि हम गद्दारो को नहीं बल्कि साफ बोलने वालो को पसंद करते है। नेता प्रतिपक्ष मंगलवार को ग्वालियर में पत्रकारवार्ता में बोल रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि राजनीति में हर आदमी को अपनी मर्यादा में रहकर दूसरे पर आरोप लगाने का अधिकार है। आरोप लगाते समय भी शब्दो का चयन भी उचित करना चाहिए साथ ही यह भी जरूरी नहीं कि जो आरोप लगा रहे है या सवाल कर रहे है उसका जवाब देना भी कोई हर बार जरूरी नहीं है। पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अनूप मिश्रा से हमारी पुरानी मित्रता है। जब से कांग्रेस के संपर्क में आने की खबरे मीडिया में आने लगी तो कम से कम उनकी अपने ही दल में पूछपरख तो बढ़ गई। एक सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिसकी अटकी हो वो कांग्रेस में आ जाएं में किसी को तेल लगाने नहीं जा रहा, लेकिन हां कई भाजपा के विधायक व कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए है वह हमसे संपर्क कर रहे है, लेकिन उनका नाम हम नहीं बता सकते, लेकिन एक बात साफ है कि जो लोग कांग्रेस पार्टी के साथ गद्दारी करके गए थे उनके लिए हमारे दल में कोई स्थान नहीं है,अब उनको जिस दल में है वही सम्मान पाना चाहिए।
खरगोन में बस हादसे के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश को चौपट कर दिया। इस समय प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा वाले हालात है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भाजपा नेताओ के व्यापार और उनकी सुरक्षा में लगे हैं, रेत खदानें चला रहे हैं। ऐसे में उनके पास कानून व्यवस्था देखने का समय ही नहीं है। शस्त्र लायसेंस को लेकर पूछे गए सवाल पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि शस्त्र लायसेंस देना कोई अपराध नहीं है, हमने जिन शिक्षित युवाओं को लायसेंस दिलवाए वह बेरोजगारी के कारण गुजरात में 25 से 28 हजार रूपए तक की नौकरी कर रहे। सरकार और कानून व्यवस्था का भय होगा तो कोई अपराध नहीं करेगा। जब सरकार में अपराधी और माफिया बैठे हों ओर जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे हो तो फिर घटनाएं तो घटित होगी ही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 90 फीसदी अपराध अवैध हथियारों से होते हैं, बहुत कम घटनाएं लायसेंसी हथियारसे होती है।
डिफॉल्टर किसानों के ब्याज देने की शिवराज कैबिनेट में हुई घोषणा के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्ष 2003 जब में स्वंय सहकारिता मंत्री था तब प्रदेश में 38 बैंक थीं, जिनमें से एक कॉपरेटिव बैंक घाटे में थी और बाकी सभी फायदे में थीं। आज सब पर ताले लगा दिए गए हैं, भाजपा नेता सहकारिता बैंको को दीमक की तरह चाट गए। शिवराज ब्याज माफ करने की बात कर रहे हैं लेकिन उन्होंने सहकारिता आंदोलन को चौपट कर दिया है।
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