भोपाल, मध्यप्रदेश। नयी तकनीक के विकास ने मानव का जीवन आसान बना दिया है। जीवन के हर स्तर पर तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की सड़कों पर गड्ढों की समस्या के उपाय के लिए अब नयी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर पायलेट प्रोजेक्ट लांच किया जाएगा। इस पायलेट प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश के सात जिलों को शामिल किया गया है। सड़कों की मरम्मत के लिए जेट पेंचर, वेलोसिटी पेंचर, और इन्फ्रारेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग ने लिया निर्णय :
कम समय में अच्छी गुणवक्ता का काम कराने के लिए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने नयी तकनीक का प्रयोग करने का फैसला किया है। समय-समय पर सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवक्ता को लेकर प्रश्न उठाया जाता है जिसे लेकर यह फैसला लिया गया है। इस पायलेट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, सीहोर और रायसेन जिले को चुना गया है।
इस पायलेट प्रोजेक्ट में कुल 582 किलोमीटर सड़क की मरम्मत की जाएगी। भोपाल में जेट पेंचर टेक्नोलॉजी के उपयोग से करीब 185 किलोमीटर सड़क का मरम्मत कार्य किया जाएगा। इसके अलावा वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक के प्रयोग से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर सड़क और इंफ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया जिले की 210 किमी सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे।
मानसून सहित सभी मौसम में किया जा सकेगा कार्य :
प्रदेश में बारिश और भारी वाहनों की आवा जाही से सड़कों पर गड्ढे हो जातें हैं। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पेंचर तकनीक और वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक को लागू करने से पहले विभाग के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा विस्तृत अध्ययन किया गया है। इस तकनीक में कार्य के दौरान कोई भी अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न नहीं होता है। इससे मानसून सहित सभी मौसम में कार्य किया जा सकेगा।
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