आदिवासी विधवा महिला की जमीन पर दबंगों का कब्ज़ा  RE- Bhopal
मध्य प्रदेश

दबंगों के आगे दम तोड़ रहा PESA एक्ट, आदिवासी विधवा महिला की जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा

SDM के आदेशों के बाद भी कब्जा दिलाने में नाकाम आरआई और पटवारी, दबंगों की राजनैतिक पकड़ से नहीं हटाया जा रहा कब्जा

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम। सरकार आदिवासियों की जिंदगी बदलने के लिए लागू किए पेसा एक्ट का गुणगान करने में जुटी है तो दूसरी तरफ जिले में इस एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस एक्ट के प्रावधान सिर्फ कागजों तक सीमित है हकीकत में आदिवासी वर्ग को इसका वैसा लाभ नहीं मिल रहा जैसा कि सरकार की ओर से प्रचारित किया जा रहा है। ताजा मामला जिले की सुखतवा चौकी स्थित ग्राम चौकीपुरा का है जहां एक आदिवासी विधवा महिला बिन्दोबाई गौड़ की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। खास बात यह है कि इसके लिए प्रशासन भी कम जिम्मेदार नही हैं।

क्या है मामला :

दरअसल पटवारी जमीन का गलत सीमांकन कर, तहसीलदार ने उस पर मंजूरी की मोहर लगा दी और दबंगों को जमीन हथियाने का रास्ता मिल गया। अब स्थिति यह है कि अपनी ही जमीन के सही सीमांकन और कब्जे के लिए गरीब आदिवासी विधवा महिला एक से दूसरे कार्यालय चक्कर लगा लगाकर परेशान है। न तो पेसा एक्ट उसकी मदद कर पा रहा है और न ही पटवारी या प्रशासन उसकी सहायता करने के लिए तैयार है।

आदिवासी महिला बिन्दोबाई:

बता दें कि आदिवासी महिला बिन्दोबाई के पति वंशीलाल गौंड़ की करीब 12 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी हैं, महिला की कोई संतान भी नहीं हैं। महिला का एक दिव्यांग भांजा उनके साथ रहता है। पूर्व में महिला और उसके पति गांव में जनप्रतिनिधि के तौर पर सरपंच भी रहे हैं। महिला आदिवासी होकर गांव में खेती-किसानी करके अपना जीवन यापन कर रही है, लेकिन अब उसकी जमीन पर दबंग धीरे-धीरे कब्जा जमा रहे हैं, दबंगों ने पहले मकान बनाया, उसके बाद अपने एक रिश्तेदार का मकान बनाया अब कृषि भूमि पर कब्जा कर रहे हैं।

मामले के संबंध में बताया जाता है कि ग्राम चौकीपुरा स्थित कृषि भूमि खसरा क्रमांक 98/1 रकबा 3.427 हे. की मालिका स्वामी है। महिला की जमीन आदिवासी क्षेत्र में अधिसूचित एवं स्थित है। महिला की जमीन पर रामजी कहार वल्द बूटल 270 वर्गफिट जमीन पर करीब 8-10 साल पहले निर्माण कर मकान बना लिया और निवास करने लगे।

श्रीमती सागर बाई पत्नि आंनद कहार:

इसी तरह श्रीमती सागर बाई पत्नि आंनद कहार ने भी 900 वर्गफिट जमीन पर निर्माण कर मकान बना लिया। यह निर्माण भी आदिवासी महिला को गुमराह करते हुए किया कि उनके पति स्व. वंशीलाल ने यह जमीन उन्हें बेच दी थी, जिसके दस्तावेज उनके पास हैं। परंतु समय के साथ-साथ रामजी कहार एवं सागरबाई कहार द्वारा धीरे-धीरे आदिवासी महिला की कृषि भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया। जिसको विरोध करने पर कब्जाधारी महिला को धमकाने एवं विवाद करने लगे।

एसडीएम कोर्ट में मामला दायर किया:

आदिवासी क्षेत्र की जमीन गैर आदिवासी खरीद ही नहीं सकता और न ही रामजी कहार एवं सागरबाई चौकीपुरा के निवासी हैं। इस मामले को लेकर महिला ने एसडीएम कोर्ट में मामला दायर किया। प्रकरण का विचारण करने के बाद करीब 8 साल बाद 15 दिसम्बर 2022 को एसडीएम कोर्ट ने आदिवासी महिला बिन्दोबाई के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दबंगों को उक्त भूमि से बेदखल करने के आदेश भी जारी कर दिया और आदेश में उल्लेख किया गया है कि आदिवासियों के लिये आरक्षित भूमि का विक्रय नहीं किया जा सकता, इसलिये कब्जाधारियों को हटाया जाये।

इनका कहना,

इस मामले में सीमाकंन किया है यदि आवेदक संतुष्ट नहीं हैं, तो वह फिर से सीमाकंन करा सकते हैं।

दीप्ति चौधरी नायब तहसीलदार

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