हाइलाइट्स :
कलेक्टरों के तबादले से पहले चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य।
70 हज़ार अधिकारी होंगे प्रभावित।
2 अगस्त से किया जाना है द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनर्निरीक्षण का कार्य।
भोपाल। मध्यप्रदेश में अधिकारियों कर्मचारियों के तबादलों के लिए आदेश जारी करने से पहले अब शासन को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में अपडेशन कार्य करने के चलते अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर ऑर्डर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इसके चलते करीब 70 हज़ार अधिकारी प्रभावित होंगे। रविवार देर रात मध्यप्रदेश में शासन द्वारा 18 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था परन्तु अब किसी भी कलेक्टर के तबादले से पहले चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी।
2 अगस्त से किया जाएगा पुनर्निरीक्षण का कार्य :
मध्यप्रदेश में चुनाव के मद्देनज़र 2 अगस्त से द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनर्निरीक्षण का कार्य किया जाना है। यह कार्य 31 अगस्त तक चलेगा। चीफ इलेक्शन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि, 31 अगस्त तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने, और संशोधन करने के लिए आवेदन किये जाएंगे। सेक्टर के अधिकारी मतदाता सूची का वाचन करेंगे। जनवरी में जोड़े और हटाए गए नामों की जानकारी भी दी जाएगी।
4 अक्टूबर को होगा मतदाता सूची का प्रीकाशन :
जानकारी के अनुसार वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 4 अक्टूबर को होगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के कार्य से सम्बंधित अधिकारी और कर्मचारियों का ट्रांसफर न किये जाने सम्बंधित निर्देश जारी किये हैं। यदि किसी अधिकारी को हटाया जाना आवश्यक है तो इसके लिए चुनाव आयोग की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
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