भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स की मांग को मानते हुए छठवें वेतनमान में डीए 139 प्रतिशत से बढ़ाकर 210 प्रतिशत कर दिया है। सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में शासकीय विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स की लंबे समय से चली आ रही मांग का निराकरण किया गया है। सभी पेंशनर्स को छठवें वेतनमान में डीए 139 प्रतिशत से बढ़ाकर 210 प्रतिशत किया गया है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गए हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों द्वारा कारपस फण्ड में वार्षिक अंशदान देने की सहमति के आधार पर विश्वविद्यालयीन पेंशनर्स को 1 जून से छठवें वेतनमान में पेंशन पर 201 प्रतिशत मंहगाई भत्त की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालयों के सभी सेवानिवृत्त प्राध्यापकों और कर्मचारी साथियों को सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन प्रदान हो, इसके लिए प्रयासरत हैं
हड़ताल खत्म करने विभाग ने दिया था यह आश्वासन
मालूम हो कि विगत 15 मई सेे 2 जून तक प्रदेश भर के विश्वविद्यालयीन अधिकारी,कर्मचारी और शिक्षक सातवें पे-कमिशन से पेंशन देने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत थे। शासन के आश्वासन के बाद यह हड़ताल 18 दिन बाद खत्म हुई थी। शासन ने आश्वासन दिया था कि कर्मियों की सातवें पे-कमिशन से पेंशन दिए जाने की मांग आगामी तीन महीने में कैबिनेट में रखेंगे। मामले में फैसला आने तक जून-2023 से छठवें वेतनमान के अनुरूप पेंशन पर 201 प्रतिशत डीए के साथ पेंशन दी जायेगी। इसके लिए विभाग ने विश्वविद्यालयों को को योगदान के रूप में राशि देने के निर्देश दिए थे। इस मांग को पूरी करते हुए विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
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