ग्वालियर। पुलिस व प्रशासन में जिस तरह से प्रमोशन (प्रभार) देने का काम किया जा रहा है उसके चलते अब परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत भी अपने विभाग के प्रवर्तन अमले को भी उसी तर्ज पर प्रमोशन देने की तैयारी में है। इस संबंध में उन्होने परिवहन आयुक्त एसके झा के निर्देश दिए है कि वह इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर भेजे जिसे मुख्यमंत्री के पास भेजा जा सके ताकि विभाग के प्रवर्तन अमले को भी प्रमोशन का लाभ मिल सके। पिछले वित्तीय साल में राजस्व का टारगेट जिस आसानी से परिवहन विभाग ने पूरा किया था उसके चलते अब विभागीय मंत्री राजपूत ने परिवहन विभाग के अमले को सुख सुविधाएं देने के प्रति सक्रिय हो गए है ओर इसी संबंध में मंगलवार को परिवहन आयुक्त ग्वालियर में एक बैठक करेंगे जिसके बाद एक प्रस्ताव तैयार कर परिवहन मंत्री के पास भेजा जाएगा।
पुलिस विभाग में जिस तरह से सिपाही से हवलदार, एसआई से टीआई प्रभार देने का काम किया गया है उसके चलते परिवहन विभाग के प्रवर्तन अमला भी चाहता था कि उसे भी पुलिस विभाग की तर्ज पर प्रभार देने का काम किया जाएं। परिवहन विभाग के प्रवर्तन अमले की मंशा को परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत व परिवहन आयुक्त एसके झा ने समझा ओर दोनों के बीच इसी मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले बैठक हो चुकी है उसमें ही परिवहन मंत्री ने आयुक्त को निर्देश दिए थे कि वह बैठक कर क्या सुविधाएं दी जानी है ओर प्रमोशन किस तरह से होना है उसका प्रस्ताव बनाकर भेजे जिससे वह उक्त प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के समक्ष रख सके। परिवहन मंत्री के निर्देश पर ही मंगलवार को परिवहन आयुक्त ग्वालियर मुख्यालय में अपने अधीनस्थो के साथ बैठक कर परिवहन विभाग के प्रवर्तन अमले को सुविधाएं दी जा सकती है ओर उनके प्रमोशन को लेकर चर्चा कर एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
सिपाही से लेकर आरटीओ तक को होगा लाभ...
परिवहन विभाग द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर अगर मुख्यमंत्री सहमत हो गए तो विभाग के प्रवर्तन अमले में सिपाही से लेकर आरटीओ तक को वरिष्ठ अधिकारियों का प्रभार मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। परिवहन विभाग के सूत्र का कहना है कि विभाग ने इस प्रमोशन को लेकर सिपाही से लेकर आरटीओ तक की 470 लोगों की सूची भी तैयार कर ली है। अब अगर प्रसातव मंजूर होता है जिसकी संभावना अधिक है तो सिपाही जल्द ही हवलदार, हवलदार टीएसआई एवं एआरटीओ को आरटीओ का प्रभार मिल सकेगा।
परिवहन विभाग एक तरफ अपने प्रवर्तन अमले को पुलिस की तर्ज पर प्रमोशन देने की कार्ययोजना पर काम कर रहा है तो दूसरी तरफ विभागीय परीक्षा पिछले 16 साल से नहीं कराई जा सकी है। विभाग में बाबुओ से टीएआई बनने का 20 पद खाली पड़े हुए है ओर इसको लेकर कई बार विज्ञापन भी जारी किया जा चुका है, लेकिन आखिरी समय पर परीक्षा स्थगित होती रही है ओर अब तो हालत यह है कि बाबुओ ने भी इस परीक्षा की आस छोड़ दी है,क्योकि विभागीय परीक्षा की तरफ कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। यहां बता दे कि वर्ष 2007 में विभागीय परीक्षा हुई थी उस समय बाबुओ से टीएआई बनने के तीन पद खाली थे ओर उस दौरान हुई परीक्षा में पहलवान सिंह भिलाला, वीरेन्द्र यादव व एक अन्य बाबू से टीएसआई बन गए थे, लेकिन उसके बाद बाबू विभागीय परीक्षा के जरिए टीएसआई बनने के सपने देख रहे है, लेकिन उनके सपने पूरे नहीं हो पा रहे है ओर अब तो उन्होंने आस ही छोड़ दी है।
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