हाइलाइट्स :
नॉन मेडिकल बैकग्रॉउंड के किसी व्यक्ति को एचओडी का पद नहीं दिया जाएगा।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था लागू होगी।
जूनियर डॉक्टर आत्महत्या के बाद अब नई व्यवस्था लागू की गई है।
भोपाल, मध्यप्रदेश। गांधी मेडिकल में जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में अब नई व्यवस्था लागू की जाएंगी। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में हर 2 साल में विभाग के एचओडी बदले जाएंगे। विभागाध्यक्ष का कार्यकाल अधिकतम 2 साल ही होगा। नॉन मेडिकल बैकग्रॉउंड के किसी व्यक्ति को एचओडी का पद नहीं दिया जाएगा। HOD का प्रभार रोटेशन वाइज दिया जाएगा। यह व्यवस्था प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में लागू होगी।
गायनी विभाग की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती आत्महत्या मामले में जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर थे। प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को समर्थन दिया था। डॉक्टर्स का आरोप था कि, सरस्वती की आत्महत्या के दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। डॉक्टरों की यह हड़ताल 5 दिनों तक जारी रही। भोपाल में शनिवार को हो रही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में डॉक्टर बाला सरस्वती के माता-पिता और बहन भी शामिल हुई थी। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के जूनियर डॉक्टर्स ने भी हड़ताल की थी। इसके कारण इन जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं प्रभावित हुई थीं।
भोपाल कलेक्टर, आशीष सिंह भी डॉक्टर बाला सरस्वती को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। कलेकटर ने छात्रों और टीचर्स से भी बात की थी। जूनियर डॉक्टर्स ने कल काले कपड़े पहनकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हुए ब्लैक फ्राइडे भी मनाया था। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते कई ऑपरेशन टालने पड़े हैं।
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