केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री चौहान मोहनपुरा कुण्डालिया प्रेशराइज्ड पाइप सिंचाई प्रणाली का लोकार्पण करेंगे
देश को सबसे बड़ी प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली परियोजना में से एक है
प्रथम चरण में 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर में पाइप से सिंचाई होंगी
नहरों से परंपरागत तरीके से सिंचाई की तुलना में इस तकनीक से उतने ही पानी से दो गुना क्षेत्र में सिंचाई संभव हो चुकी है
प्रदेश में 2025 तक सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टेयर कर ली जाएगी
Mohanpura and Kundalia Irrigation Project: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोहनपुरा एवं कुण्डालिया सिंचाई परियोजना के प्रथम चरण का 13 जून मंगलवार को लोकार्पण करेंगे। इस परियोजना के पूर्ण होने पर एकीकृत प्रेशराइज्ड प्रणाली से राजगढ़ एवं आगर-मालवा जिले की 2,85,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होंगी। वर्तमान में प्रथम चरण में राजगढ़ जिले की 1,25,000 हेक्टेयर क्षेत्र में पाइप आधारित प्रणाली का कार्य पूर्ण कर सिंचाई की जाने लगी है मोहनपुरा परियोजना में प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली परियोजना से समान जल की मात्रा से खुली नहर से सिंचाई की तुलना में 2 गुने से अधिक क्षेत्र में सिंचाई करने का सफल प्रयोग हुआ है।
यह प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी परियोजना में से एक है, जहाँ पर बांध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से जल को पहुंचाया जा रहा हैं और सम्पूर्ण प्रणाली को स्काड़ा तकनीक नियंत्रित किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से इसे देश में ही नही, दुनिया में भी इस पद्धति को सराहा जा रहा है।
सिंचाई परियोजना की लागत 8 हजार 481 करोड़:
भारत सरकार द्वारा भी इस तकनीक के आधार पर सभी राज्यों में अनुकरण के लिए सिंचाई परियोजना बनाई जा रही है। मोहनपुरा कुंडलिया परियोजना के प्रथम चरण में राजगढ़ जिले के लक्षित 988 ग्रामों में से 537 ग्राम के 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र, सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होंगा। जिसमें आज मोहनपुरा परियोजना से 94 हजार 845 हेक्टेयर एवं कुण्डालिया परियोजना से 30,हजार155 हेक्टेयर क्षेत्र में पाइप आधारित सिंचाई परियोजना को लोकार्पित किया जा रहा है। द्वितीय चरण में शेष 1, लाख 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का भी 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं अगले वर्ष लक्षित सम्पूर्ण क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित कर ली जाएगी। इस सिंचाई परियोजना की लागत 8 हजार 481 करोड़ है।
खाद्यान्न उत्पादन में 5 गुना से अधिक वृद्धि:
मोहनपुरा परियोजना से गत तीन वर्षों में प्रदेश के सबसे सूखे कालीपीठ क्षेत्र में इस नवीन तकनीक द्वारा सिंचाई की जा रही है। जिससे क्षेत्र से जनता का पलायन रुका है एवं जिले के खाद्यान्न उत्पादन में 5 गुना से अधिक वृद्धि हुई हैं। परियोजना अगला चरण पूर्ण होने के बाद राजगढ़ जिला,अब प्रथम पंक्ति के सिंचित जिलो में सम्मिलित होगा। पहले राजगढ़ जिला सूखा ग्रस्त जिले में सम्मिलित था। इस परियोजना से जिले के कुल 988 ग्रामों में लगभग 3 लाख 31 हजार 637 कृषक लाभांवित होंगे।
सिंचाई का रकबा 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर:
मध्यप्रदेश में वर्ष 2003-04 में सिंचाई का रकबा केवल 7 लाख हेक्टेयर था जो विगत 20 वर्षो में बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो चुका है। वर्ष 2025 तक प्रदेश में सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टेयर क्षमता विकसित हो जायेगी। नवीनतम तकनीक के प्रयोग से सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होंगी और पाइप आधारित प्रेशराइज्ड सिंचाई पद्धति से खेत तक पाइप से पानी पहुंचाया जाएगा। परंपरागत सिंचाई की तुलना में उतने ही पानी से दुगुने क्षेत्र में सिंचाई संभव होंगी।
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