भोपाल, मध्यप्रदेश। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का बड़ा बयान सामने आया है, दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पुलिस आवेदन वायरल करते हुए दावा किया है कि राज्य पुलिस जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों को जबरन पकड़ कर भारतीय जनता पार्टी को सौंप रही है।
दिग्विजय सिंह का आरोप-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलिस आवेदन पत्र ट्विटर पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया है कि, यह एक और प्रमाण किस तरह से मप्र की “मामू” पुलिस ज़िला परिषद के निर्वाचित सदस्यों को जबरन पकड़ पकड़ कर भाजपा को सौंप रही है। इसी प्रकार भोपाल जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य श्री मोहन जाट को राजस्थान बॉर्डर पर परसों रात 2.30 बजे “मामू” पुलिस द्वारा बस में से उतार कर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर छोड़ आए।
बता दें दिग्विजय सिंह की ओर से वायरल किया गया पुलिस आवेदन पत्र मुरैना जिले के कैलारस निवासी रमेश की ओर से कैलारस थाना प्रभारी को दिया गया है। आवेदन में आरोप लगाया गया है कि, श्योपुर जिला पंचायत सदस्य उनके भांजे संदीप शाक्य को 27 और 28 तारीख की दरमियानी रात कैलारस थाने में पदस्थ दो आरक्षक उनके घर से अगवा कर ले गए। आवेदन पत्र में प्रकरण में कार्रवाई करने की मांग की गई है। मध्यप्रदेश में आज जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया होगी।
एमपी कांग्रेस ने किया ट्वीट :
इस मुद्दे कोलेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- अब लोकतंत्र नहीं, पुलिस तंत्र लागू, श्योपुर के ज़िला पंचायत सदस्यों को पुलिस ने ही अगवा कर लिया। शिवराज जी, ये दुरूपयोग नहीं, सत्ता का नंगा नाच है। बेशर्मी और बेहयाई, बीजेपी लेकर आई।
वही पीसी शर्मा ने ट्वीट कर लिखा- मध्यप्रदेश पुलिस के पास अब यही बचा है बस। बच्चियों के साथ अपराध , प्रदेश में हो रहीं हत्याएं , लूट , चोरी , माफियाओं पर लगाम लगाने की अपेक्षा अब पुलिस भारतीय जनता के लिए कांग्रेस के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अगवा करने का कार्य करेगी? क्या यही लोकतंत्र है।
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