भोपाल। मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने राजधानी की विभिन्न समस्याओं को लेकर सात मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। भोपाल शहर की आदमपुर छावनी में स्थित लेंडफिल साईट के पास नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत 70 मकानों का निर्माण किया गया है। मकानों की गुणवत्ता बेहद खराब है। इनकी दीवारों में दरारे आ गई हैं। वहीं बिना बिजली और पानी व्यवस्था किये निगम द्वारा यहां हितग्राहियों को शिफ्ट कर देने से उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। पीने का पानी आधा किमी दूर से लाना पड रहा है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
आदमपुर में सड़ रहे हैं सैकडों गोवंश, बदबू से ग्रामीण परेशान
शहर की आदमपुर छावनी में स्थित कचरा खंती में नगर निगम द्वारा रोजाना दर्जनों की संख्या में मृत गोवंश को फेंका जा रहा है। मृत मवेशियों के शव अब सडने लगे है। कचरा खंती की दुर्गंध से आस.पास के एक दर्जन गावों में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। क्योंकि मृत मवेशियों के शवों और कचरे के निपटान में नगर निगम के कर्मचारी भारी लापरवाही बरत रहे हैं। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कमिश्नर नगर निगम भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
रोड पर संभलकर चलें राहगीर, खुले पडे है चैंबर
शहर के वार्ड नं 40 में ऐशबाग स्थित चाणक्यपुरी मार्ग में नाली के चैंबर का ढक्कन ही गायब है। इससे कई वाहन चालक और राहगीर दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। पुराना भोपाल, सिंधी मार्केट, संत हिरदाराम नगर, न्यू मार्केट, कोलार रोड सहित शहर के कई इलाकों में नालियों के चैंबर खुले पडे हैं। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कमिश्नर,नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में स्पष्ट जवाब मांगा है।
अहाते बंद होने पर शराबियों ने बना डाले ओपन बार
शहर में अब शराबी कलारी से शराब लेकर आसपास की दुकानों में खडे होकर ही शराब पी रहे हैं। यहां तक कि शराब की दुकानों में ही छोटे.छोटे अहाते बनाकर अपना व्यवसाय किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि खुले में शराब पीने वालों पर पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के बारे में पंद्रह दिन में जवाब मांगा है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि ऐसी शराब की दुकानों के पास पीने की व्यवस्था संबंधी सुविधाओं के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित करें, जिससे खुले स्थान पर ऐसे कार्यों से सामाजिक शांति व्यवस्था प्रभावित न हो सके।
बेमतलब के ट्रैफिक सिग्नल , न चालकों को परवाह, न पुलिस को
शहर के उपनगर संतनगर के मेन रोड पर लगे ट्रैफिक सिग्नल बेमतलब लगे हैं। न तो इन सिग्नल्स का कोई पालन करता है, न ही निगरानी। सिग्नल्स का पालन न करने वालों पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती। चैराहे पर पुलिस की मौजूदगी भी तमाशबीन की तरह होती है। इससे वाहन चौराहों से बचते.बचाते निकलते हैं। यहां हमेशा एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर एडिशनल पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
रजिस्ट्री ऑफिस मे न पीने का पानी है न ही टॉयलेट
शहर के शाहजहांनाबाद इलाके के परी बाजार स्थित पंजीयन कार्यालय में आने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाए तक नसीब नहीं है। पहली बार यहां आने वालों को पहले तो यह दफ्तर ढूंढना पडता है। यदि कोई यहां पहुंच भी गया, तो भरोसा नहीं होता कि यह रजिस्ट्री ऑफिस है। यहां आगंतुकों के लिए न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही यहां पब्लिक टॉयलेट है। इस दडबेनुमा ऑफिस में जहां.तहां गंदगी पसरी है। कुर्सियां और सीढियां गंदी पडी हैं। यहां पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है, लोग खुले में गाडी खडी करते है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही, पीने के पानी की समुचित व्यवस्था एवं टॉयलेट की व्यवस्था से संबंधित फोटोग्राफ्स सहित पंद्रह दिन में जवाब मांगा है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।