जबलपुर, । मप्र हाईकोर्ट ने दो महिला अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करते हुए अपने अंतरिम आदेश में उन्हें आज होने वाले पीएससी के साक्षात्कार में शामिल करने के निर्देश दिये है। जस्टिस डीके पालीवाल की अवकाशकालीन बेंच के समक्ष गुरुवार को हुई सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये। एकलपीठ ने साक्षात्कार के परिणाम को विचाराधीन याचिका के निर्णय के अधीन रखने के निर्देश देते हुए मप्र शासन व मप्र लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
यह मामले जबलपुर निवासी मोनाली बल्दी व नेहा पाटीदार की ओर से हाईकोर्ट में दायर किये गये थे। जिसमें कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाली दोनों याचिकाकर्ताओं ने पीएससी-2020 प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। जिसके बाद साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले सफल अभ्यर्थियों की पहली सूची में उनके नाम दर्ज थे। किंतु बाद में पीएससी ने संशोधित सूची जारी कर दी। जिसमें याचिकाकर्ताओं सहित छ: लोगों के नाम अलग कर दिए गए। इसके विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराते हुए आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसका कोई नतीजा न निकलने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई।
न्याायालय ने दोनों याचिकाकर्ताओं को इस शर्त के साथ अंतरिम राहत प्रदान की है कि साक्षात्कार का परिणाम विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगा। मप्र लोक सेवा आयोग हाईकोर्ट की अनुमति के बना परिणाम जारी नहीं करेगा। इसके साथ ही न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा।
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