राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वो बहुत जल्द 'पत्रकार सुरक्षा कानून' लागू करने वाली है। राज्य सरकार के जनसम्पर्क मंत्री पी. सी. शर्मा ने जानकारी दी कि, 'सरकार द्वारा शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ 'मीडिया' को सशक्त बनाने के लिए वचनबद्ध है। साथ ही निर्भीक तथा निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।'
जनसम्पर्क मंत्री शर्मा का कहना है कि, मुख्यमंत्री कमल नाथ सदा ही निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्षधर रहे हैं। वे मानते हैं कि निष्पक्ष पत्रकारिता सरकार का सही मार्गदर्शन करती है। सरकार पत्रकारों के सरोकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पत्रकारों के हित में सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि, पत्रकारों को तरजीह देने के लिए राज्य एवं संभाग-स्तर पर 'अधिमान्यता समितियों' का गठन हुआ है। पत्रकारों को स्वास्थ्य उपचार हेतु आर्थिक सहायता देने के लिए 'पत्रकार संचार कल्याण समिति' और पत्रकारों की कठिनाईयों के अध्ययन और सुझाव देने के लिए राज्य-स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है।
इसके साथ ही महिलाओं को इस क्षेत्र में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने और विशेष प्रोत्साहन देने के लिए महिला पत्रकारों की राज्य-स्तरीय समितियों का भी गठन किया है।
वर्तमान में प्रदेश में 1127 राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। जिला-स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 1947 और तहसील-स्तरीय अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 822 है। प्रदेश में कुल 3,896 अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं।
पी.सी. शर्मा ने बताया कि पत्रकारों और उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। सरकार द्वारा सामान्य बीमारियों के लिए 20 हजार रुपये तक और गंभीर बीमारियों के लिए 50 हजार तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक 422 पत्रकारों को उपचार के लिए 1 करोड़ 31 लाख 54 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी की जा चुकी है।
प्रदेश सरकार पत्रकारों का 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा करा रही है। साथ ही 4 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा भी किया जा रहा है। इस साल 2,874 पत्रकारों का बीमा करवाया गया है। इनमें से 2,310 अधिमान्य और 564 गैर-अधिमान्य पत्रकार हैं।
जिन पत्रकारों का बीमा किया गया है, उसके प्रीमियम राशि का 75 प्रतिशत यानि 5 करोड़ 40 लाख रुपये का वहन सरकार कर रही है। 4 अक्टूबर, 2019 से अब तक 60 पत्रकारों का 24 लाख रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान किया जा चुका है। पिछले साल की तुलना में इस साल 615 से अधिक पत्रकारों ने अपना बीमा कराया है।
राज्य सरकार ने सम्मान-निधि की राशि को 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। वर्तमान में 209 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान-निधि दी जा रही है। सरकार द्वारा राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटॉप खरीदने करने के लिए 40 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इस वर्ष 17 पत्रकारों को यह राशि प्रदान की गई है।
सरकार उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए जल्द ही 2017, 2018 और 2019 में पत्रकारों को समारोहपूर्वक सम्मान प्रदान करेगी। इसके लिए आवेदन-पत्र पूर्व में ही आमंत्रित किये जा चुके हैं।
जनसम्पर्क विभाग के अनुसार, प्रदेश में कमल नाथ सरकार सुशासन की अवधारणा को मूर्त रूप दे रही है। इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाई जा रही है। मध्यप्रदेश में दूरसंचार, इंटरनेट सेवा, वायर लाइन या वायरलेस की वॉइस और इंटरनेट सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जिसके लिए प्रक्रिया निर्धारित कर ली गयी है।
अब कम्पनियाँ ज़मीन के लायसेंस के लिए जिला कलेक्टरों के पास ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ विंग्स जैसी नयी तकनीकों के उपयोग से सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने नेस्काम के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश बेहतर हो, इसलिए आईटी पॉलिसी में बदलाव कर इसे ज़्यादा सरल और आकर्षक बनाया गया है। नये डाटा सेंटर की स्थापना करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की निवेश प्रोत्साहन नीति में भी बदलाव किए गए हैं। साथ ही इस क्षेत्र में नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भूमि बैंक बनाये जाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
मैप-आईटी के सहयोग से विभिन्न विभागों के इंटरनल वर्क-फ्लो एवं कम्प्यूटरीकरण पर भी काम हो रहा है। म.प्र. स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) को बढ़ावा देने का काम भी हो रहा है।
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