भोपाल। मध्यप्रदेश के सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चुनाव की तैयारियों में खामी नजर आती है। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के सामने भाजपा ने सीधा आरोप लगाया कि आपके बीएलओ डोर-टू-डोर नहीं जाते हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि जिन मतदाताओं के नाम एक से ज्यादा मतदान केंद्र में पाए जाते हैं, उन्हें तमाम सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए, क्योंकि उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया है। कांग्रेस ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा, मतदाता सूची में अनियमितता की जांच के लिए समिति का गठन किया जाए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। बेहतर चुनावी तैयारियों के लिए राजन ने राजनीतिक दलों से सुझाव भी मांगा था। शुरुआत में राजन ने प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 के अंतर्गत प्रारंभिक गतिविधियां चल रही हैं। उन्होंने तैयारियों की जाकारियां भी दी हैं। भाजपा की ओर से बैठक में हिस्सा लेने वाले भगवानदास सबनानी ने कहा, आपके बीएलओ डोर-टू-डोर नहीं जाते हैं। इसलिए कई मतदाताओं के नाम नहीं जुड़ पाते हैं। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जाना चाहिए।
भाजपा ने यह सुझाव भी दिया कि आपने एक मतदान केंद्र में 1500 मतदाता तय किए हैं। मतदान केंद्र की दूरी एक से दो किमी की तय की है। अब जब सारी सुविधाएं मौजूद हैं, तब इस दूरी को कम कर 500 से 700 मीटर किया जाए। कांग्रेस की ओर से बैठक में हिस्सा लेने गए जेपी धनोपिया ने कहा कि बीएलओ ने मतदाता सूची तैयार करने में राजनीतिक दलों को सूचित नहीं किया और सहयोग भी नहीं लिया गया। ऐसे बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य सुचारू नहीं चल रहा है। भाजपा नेताओं के दबाव में बीएलओ ने मतदाता सूची में बड़े स्तर पर अनियमितताएं की हैं। प्रदेश भर में हजारों की संख्या में फर्जी और अपात्र लोगों के नाम जोड़े गए है। शिकायत भी हुई है, लेकिन फर्जी नाम हटाने की कार्रवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा, मतदाता सूची से नाम हटाने और जोडऩे के संबंध में जो भी फार्म 7 और 6 बीएलओ को प्राप्त हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। जिन मतदाताओं के नाम विलोपित किए गए हैं, उनकी सत्यता के संबंध में बीएलओं से प्रमाण पत्र लिया जाए। संविदा कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी बीएलओ बनाया गया है, उन्हें पद मुक्त करते हुए नियमानुसार नियमित शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बीएलओ बनाया जाए। चार अक्टूबर को होगा मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन राजन ने राजनीतिक दलों को बताया कि दो अगस्त को प्रदेश के सभी 64 हजार 100 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया जाएगा। उसके बाद दो से 31 अगस्त तक सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्र पर उपस्थित रहेंगे और मतदाता सूची में नाम जोडऩे और हटाने अथवा संशोधन के लिए आवेदन लेंगे। अगस्त माह में शनिवार एवं रविवार को विशेष शिविर लगाए जाएंगे और बीएलओ भी घर-घर जाएंगे। उसके बाद चार अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
आठ जिलों में पूरा हो गया एफएलसी का काम राजन ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जिलों में चल रहे ईवीएमए व्हीव्हीपीएटी के एफएलसी कार्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बैंगलुरु (बेल) द्वारा ईवीएम, वीव्हीपीएटी की फस्र्ट लेवल चेकिंग की जा रही है, जिसके बारे में राजनीतिक दलों को भी सूचित किया गया है। अब तक 50 प्रतिशत मशीनों की जांच हो चुकी है और 8 जिलों में एफएलसी का कार्य पूरा हो चुका है। युवाओं का नाम जुड़वाने में सहयोग करें दल राजन ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से एक अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में जुड़वाने में सहयोग और सभी 64 हजार 100 मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जो युवा एक अक्टूबर 2023 को 18 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं, वे मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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