भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 9 वें कांग्रेस ने आज महू में आदिवासी युवती की मौत के मामले पर सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस विधायकों ने मृतका के परिवार को मुआवजा राशि की मांग को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया। मामला इतना गरमाया कि कांग्रेस ने सदन का वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायक सदन से नारेबाजी करते हुए बाहर निकले। सरकार की ओर से मृतका के परिजन को छह लाख मदद की घोषणा की है। वहीं कांग्रेस विधायकों की मांग है कि मृतक के परिवार को एक करोड़ और एक एक व्यक्ति को सरकार नौकरी दी जाए।
गुरुवार को विधानसभा की कार्रवाई प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने महू में एक युवती की मृत्यु और पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मृत्यु का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है, गृह मंत्री इस पर अपना वक्तव्य दें। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आदिवासी युवती के दुष्कर्म मामले में सरकार पर लीपापोती का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। कमलनाथ ने कहा कि पूरे देश मे मध्यप्रदेश को आदिवासी अत्याचार का मुकुट 13 बार मिला है। NCRB के आंकड़ों हवाला देते हुए उन्होने कहा कि बीजेपी आदिवासी हितैषी बनती है और इसके बाद प्रदेश में आदिवासी अत्याचार का ये हाल है। अब आदिवासी समाज में बीजेपी की असलियतका पर्दाफ़ाश हो चुका है। उन्होने कहा कि मैंने महू में घटनस्थल पर एक टीम भेजी है जो मामले की पड़ताल करेगी।
पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल घटनास्थल पर जांच के लिए रवाना हो गया है। जांच दल में कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, झूमा सोलंकी और पांचीलाल मेड़ा शामिल हैं। इंदौर के प्रभारी महेंद्र जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। यह दल घटना की सच्चाई पता करेगा और पीड़ित लोगों से बातचीत करेगा। दल अपनी रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपेगा।
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