हाइलाइट्स :
सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना की शुरुआत।
शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ता दर में वृद्धि।
ट्रांसजेण्डर को पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची में शामिल।
राजएक्सप्रेस। वैसे तो चुनाव हर 5 साल में होते हैं लेकिन इस वर्ष ठीक चुनाव से पहले सरकार जिस तरह से बेहद कम समय में हर वर्ग पर मेहरबान हुई है उसे देखते हुए जनमानस के मन में यही बात उठ रही है कि, काश चुनाव हर साल होते। जनमानस काफी हद तक सही भी है। वर्तमान सरकार 23 मार्च 2020 को अस्तित्व में आई थी। तब से 31 दिसम्बर 2022 तक (1378 दिन) सरकारी घोषणाओं की रफ़्तार कम थी लेकिन इसके विपरीत चुनाव से ठीक पहले 1 जनवरी से जुलाई 2023 तक (205) दिन में सरकार ने लगभग हर वर्ग के लिए घोषणाएं की। सरकार की इस रफ़्तार को देखते हुए सहज ही जनता का यह कहना ठीक होगा कि, सरकार के 1378 दिन की बजाए चुनाव के ठीक पहले के 205 दिन ही अच्छे हैं।
लाड़ली बहना योजना:
मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत हर महीने की 10 तारीख को महिलाओं के खाते में 1000 रुपए डाले जा रहें हैं। मुख्यमंत्री द्वारा अलग-अलग मंचों से इस राशि को 3,000 तक किये जाने का वादा महिलाओं से किया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया:
मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की गई थी। जिसके तहत आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को 3 हजार रूपये वृद्धि के बाद 13 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलेगा और सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को 750 रुपए वृद्धि के बाद प्रतिमाह बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में प्रतिवर्ष 1000 और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में 500 रुपए प्रतिवर्ष की वृद्धि की जाएगी। साथ ही 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्ति के समय आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 1 लाख 25 हजार रुपए और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकताओं को 1 लाख रुपए दिये जाएंगे।
शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ता दर में वृद्धि:
मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान के अनुसार मंहगाई भत्ते की दर में 4% की वृद्धि की गई। इसके चलते मंहगाई भत्ते की कुल बढ़ी हुई दर 42% हो जाएगी, फलस्वरूप इस वित्तीय वर्ष में 1520 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय भार संभावित है। इसके साथ ही 3 समान किश्तों में एरियर राशि का भुगतान भी किया जाना है।
महिला स्व-सहायता समूह द्वारा टोल कलेक्शन:
सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार महिला स्व-सहायता समूह, दो करोड़ से कम वार्षिक आय वाले टोल का संग्रहण करेंगे।
संविदा कर्मियों को भी नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएँ दी जाएगी ऐसी घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
रोजगार सहायक का मानदेय बढ़ाया:
सरकार द्वारा ग्राम रोजगार सहायक का मानदेय 18 हजार रूपये प्रतिमाह किया गया। इससे 274 करोड़ 95 लाख रूपये का अतिरिक्त व्यय होगा। इसके पहले इनका मानदेय 9,000 रुपए था।
जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष के मानदेय में वृद्धि:
जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के मानदेय में बढ़ोतरी की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय बढ़ाकर 1 लाख रूपये प्रति माह और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष का मानदेय 42 हजार रूपये प्रति माह किया गया है।
प्रदेश में 19 अगस्त 2013 से संचालित मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को निरंतर बनाये रखने की स्वीकृति दी गई।
दीनदयाल रसोई योजना में 5 रुपए प्रति थाली भोजन:
दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत रैन बसेरा और आश्रय-स्थलों में अस्थाई आश्रय लेकर रहने वाले लोगों के लिए 5 रुपए में भोजन की व्यवस्था।
सरकार द्वारा वन्य-प्राणियों द्वारा की जाने वाली जनहानि क्षतिपूर्ति 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपये कर दी गई।
ट्रांसजेण्डर को पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची में शामिल करने की स्वीकृति दी गई।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है कि, अब CBSE के छात्रों को भी बारहवीं पास करने पर 25 हज़ार की राशि दी जाएगी इसके साथ ही टॉपर्स स्कूटी दी जाएगी। अभी इसे कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है।
SC-ST स्टूडेंट्स को मिलने वाली छात्रवृत्ति में आय सीमा 6 लाख से 8 लाख कर दी गई।
प्रदेश में सीखो कमाओ योजना की शुरूआत की गई। इसके तहत युवा जिनकी आयु 18 से 29 वर्ष तक है और जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं/आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च हो को रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिया जाएगा इस दौरान इन युवाओं को 8 हज़ार से 10 हज़ार तक का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
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