Fake Disability Certificate Case: मुरैना में फ़र्ज़ी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में कलेक्टर ने जांच समिति के सदस्य बदल दिए हैं। जिले में वर्ग-3 के शिक्षकों ने फ़र्ज़ी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया था। इन पर जांच जारी है अब जिन डॉक्टरों ने यह प्रमाण पत्र जारी किया था उन पर भी जांच शुरू की जा रही है। इसके पहले भी जांच समिति बनी थी पर इस समिति में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी थे इस कारण अब कलेक्टर ने आदेश निकालर नयी समिति का गठन किया है।
क्या है मामला :
मुरैना जिले में वर्ग-3 की भर्ती के लिए कुछ शिक्षकों ने दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाए थे। ऐसे 77 संविदा शिक्षक है जिन पर फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने का आरोप है। शिक्षा विभाग को इस मामले की जानकारी मिली तो शिक्षा मंत्री ने इन शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया। इसके बाद उनकी नौकरी रोक दी गयी। इसके अलावा जिन डॉक्टरों ने ये फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र जारी किया था उनकी भी जांच की जाएगी।
क्यों भंग की गयी पुरानी समिति:
दरअसल पुरानी समिति में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और CMHO शामिल थे। इस जांच समिति में किसी प्रकार का भेदभाव या पक्षपात न हो इस कारण कलेक्टर ने नई समिति का गठन किया है। नई समिति की अध्यक्षता संयुक्त कलेक्टर द्वारा की जाएगी।
समिति के नए सदस्य :
समिति की अध्यक्षता संयुक्त कलेक्टर राजन बी नाडिया करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संध्या गोयल, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव बांदेल और नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेश शर्मा होंगे।
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