जबलपुर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत Social Media
मध्य प्रदेश

जबलपुर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत, श्यामा देवाचार्य महाराज की मूर्ति का किया अनावरण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज जबलपुर दौरे पर हैं। वो यहां ब्रह्मलीन जगतगुरु श्यामादेवाचार्य की द्वितीय पुण्यतिथि के कार्यक्रम में पहुंचे।

Sudha Choubey

जबलपुर, मध्य प्रदेश। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आज मध्य प्रदेश के जबलपुर दौरे पर हैं। वो यहां ब्रह्मलीन जगतगुरु श्यामादेवाचार्य की द्वितीय पुण्यतिथि के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने नरसिंह मंदिर में उन्होंने श्यामादेवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। यहां 12 अप्रैल से कार्यक्रम चल रहे हैं, जिसका आज समापन हुआ। बता दें, इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आना था, मगर वो नहीं आ सके।

बता दें कि, संघ प्रमुख मोहन भागवत जबलपुर पहुंचने के बाद यहां नरसिंह मंदिर पहुंचकर दर्शन किया। यहां मोहन भागवत ब्रम्हलीन संत श्यामदेवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान मोहन भागवत नरसिंह मंदिर परिसर में साधु संतों का आशीर्वाद भी लिया। संघ प्रमुख मोहन भागवत के आज के इस कार्यक्रम को लेकर तैयारियां कई दिनों से की जा रहीं थी। इतनी ही नहीं भागवत आज शाम को 4:45 बजे मानस भवन में रामानंदाचार्य के प्राकट्य 723 वर्ष पूर्ण होने में आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान देंगे। इस कार्यक्रम में साधू संतो के साथ सांसद राकेश सिंह, विधायक अशोक रोहाणी समेत संघ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

डॉ. मोहन भागवत ने कही यह बात:

जबलपुर पहुंचे RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि, "दुनिया के अध्ययन में ये बात सामने आई है कि, "सबसे ज्यादा सेवा हमारे संत करते हैं। उन्होंने कहा कि, सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र, हिंदू संस्कृति है। भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है और हमें बनना ही है। आज हम ही क्या, सारी दुनिया कह रही, भारत आने वाले दिनों की महाशक्ति है, लेकिन बिना शक्ति के कोई काम नहीं, शिव को भी शक्ति चाहिए, भागवत ने कहा कि, ये बात भी सत्य है कि भारत की शक्ति दूसरों को दर्द देने के लिए नहीं शांति प्रदान करने के लिए होगी। भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है और हमें बनना ही है लेकिन संतों के बताए मार्ग पर चलकर बनना है।"

मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि, "भारत वर्ष पहले भी था आज भी है, बाद में भी रहेगा। हर राष्ट्र बनने का प्रयोजन पूरा करने के बाद देश अंतर्ध्यान हो जाते हैं, पर भारत का प्रयोजन खत्म नहीं हुआ है। मनुष्य सबसे दुर्बल है, लेकिन भगवान ने उसे बुद्धि दी, इसलिए वह सब प्राणियों का राजा है। मनुष्य सोचता है कि सब मिलकर रहें। मनुष्य ने समूह बनाए, जिन्हें कबीले कहा गया। कबीले लड़ते थे, रक्तपात होता था, इसलिए राजा बना दिया गया।"

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