भोपाल। 27 जून को मध्यप्रदेश दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आदिवासयिों संग ज्यादा वक्त गुजारेंगे। राजधानी भोपाल से शहडोल जाकर प्रधानमंत्री न सिफ आदिवासी नेताओं से भेंट करेंगे बल्कि उनके साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी करेंगे। मोदी आदिवासियों के साथ उनका प्रिय भोजन कोदो और कुटकी खाएंगे।
प्रदेश सरकार इस पूरी व्यवस्था को भारतीय परंपरा के अनुसार तैयार करवा रही है। शहडोल के पकरिया पंचायत के जल्दी टोला में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए जो भोज तैयार किया जा रहा है, उसका भी अंदाज ठेठ देहाती होगा। प्रदेश सरकार ने जो भोजन का मेन्यू तैयार किया है, उसे पकाने से लेकर परोसने तक में प्राचीन भारत वाले गांव की सभ्यता को ध्यान में रखा गया है। भोज में मोटा अनाज को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
इन पकवानों से सजेगी थाली
पकरिया गांव के जल्दी टोला में पीएम के भोज की तैयारी जोर शोर से चल रही है। राज्य सरकार ने जो मेन्यू तैयार किया है, उसमें पीएम मोदी को पेय पदार्थ के लिए रोजलेट्टा (अमरु) का शरबत, बेल शरबत, आम का पना शामिल किया है। वहीं कोदो भात, कुटकी खीर, ज्वार और मक्के की रोटी, इंद्रहर की कढ़ी, कमल ककड़ी की सब्जी, हल्दी का अचार और महुआ के व्यंजन में खीर या लड्डू को शामिल किया है।
चूल्हे में लकड़ी की आग से पकेंगे पकवान
कमिश्नर राजीव शर्मा बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए जो देसी पकवान तैयार किए जाएंगे। उन्हें गांव के चूल्हे में ही तैयार किया जाएगा। लगभग 20 लोगों के लिए यह भोज तैयार होगा। लकड़ी के चूल्हे में बनने वाले इस पकवान की जांच पीएम के सुरक्षा मानकों के अनुरूप की जाएगी। NSG से सहमति मिलने के बाद ही इसे भोजन के लिए परोसा जाएगा। जमीन पर बैठकर करेंगे भोजन जनजातीय समुदाय के साथ क्करू मोदी जमीन पर बैठकर भोजन करेंगे। इसके लिए खास पीढ़ा (पटा) के भी इंतजाम किए जाएंगे। प्राचीन भारत की सभ्यता के अनुरूप पेड़ के नीचे व्यवस्था की जा रही है। इसमें मोदी के साथ सीएम शिवराज सिंह और राज्यपाल भी शामिल होंगे।
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