हिज़ाब को लेकर मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान  Social Media
मध्य प्रदेश

स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू हो, हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है: मंत्री परमार

भोपाल, मध्यप्रदेश। हिज़ाब (Hijab) को लेकर विवाद देश में बढ़ता ही जा रहा है, मध्यप्रदेश में हिज़ाब को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) का बड़ा बयान सामने आया है।

Author : Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। हिज़ाब (Hijab) को लेकर विवाद देश में बढ़ता ही जा रहा है, कर्नाटक में हिज़ाब को लेकर मचे बवाल के बाद अब मध्यप्रदेश में भी हिज़ाब को लेकर सियासी बखेड़ा खड़ा होता दिखाई दे रहा है। मध्यप्रदेश में हिज़ाब को लेकर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) का बड़ा बयान सामने आया है।

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिया बड़ा बयान

बता दें, कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों के हिज़ाब पहनने का विवाद एमपी तक पहुंच गया है, इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा- स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू हो, हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिज़ाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

स्कूलों में अगले शिक्षा सत्र से ड्रेस कोड लागू होगा : मंत्री इंदर सिंह परमार

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा- सीएम राइज़ स्कूलों में अगले शिक्षा सत्र से ड्रेस कोड लागू होगा, ड्रेस कोड से स्कूलों में समानता आएगी, स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध रहेगा। हिज़ाब बाजार और घरों में पहनें लेकिन स्कूलो में सिर्फ और सिर्फ ड्रेस कोड ही लागू होगा।

मध्यप्रदेश के स्कूलों में हिज़ाब बैन होगा।
मंत्री इंदर सिंह परमार

आपको बताते चलें कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से क्लास में एंट्री नहीं दी गई थी। कॉलेज का कहना था कि यहां पर एक यूनिफॉर्म लागू है तो अलग ड्रेस पहनकर आने वाले लोगों को कॉलेज में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन लड़कियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका तर्क है कि इस तरह से हिजाब न पहनने देना मौलिक अधिकारों का हनन है।

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