अनूपपुर, मध्य प्रदेश। नगर, समाज व हर तबके को सुरक्षा प्रदान के साथ सेवा भाव से कार्य करने वाली पुलिस की तरफ एवं उनकी परिस्थितियों पर शायद ही किसी का ध्यान जाता होगा, सुबह, दोपहर, रात्रि, धूप, बारिश, आंधी, तूफान, वायरस सहित न जाने कितनी समस्याओं को अपने अंदर पिघलाकर देश भक्ति जनसेवा की शपथ ले मैदान में डटा रहता है, उसके बाद भी अपने परिवार के साथ खुशहाल रूप न जी पाने वाले ये पुलिसकर्मचारी न तो प्रदर्शन कर सकते हैं और न ही आंदोलन, जिसको दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों के अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा अनूपपुर पहुंच कर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री, गृहमंत्री व पुलिस महानिदेश के नाम ज्ञापन सौंप कर पुलिस कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत करया।
नहीं है आधारभूत सुविधाएं :
मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक का पद पुलिस विभाग की नींव है, उसकी रीढ की हड्डी होती है, जिसका कानून व्यवस्था बनाये रखने में अहम योगदान होता है। पुलिस आरक्षक सन् 1861 से 24 घंटे एग्रीमेंट पर 12 से 18 घंटे लगातार काम कर रही है, वेतन और भत्ते बढाने के संबंध में लंबे समय से मांग चल रही है। आधार भूत सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं, 90 प्रतिशत से अधिक पुलिस कर्मचारी बैंक से लोन लेकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं, पुलिसकर्मी व्यवसाय नहीं कर सकते हैं न ही कोई धरना प्रदर्शन न हड़ताल कर सकते हैं, आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बहुत से पुलिस कर्मचारी आत्महत्या कर रहे हैं।
1900 से 2400 बढ़ाने की मांग :
लगातार हाई ड्यूटी करने के बाद वर्तमान वेतन ग्रेड-पे 1900 है, जिस कारण पुलिस कर्मचारियों में मानसिक असंतोष व्याप्त है तथा अवसाद ग्रस्त है। आरक्षकों के वेतन ग्रेड पे 1900 से बढ़ाकर 2400 करने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस कर्मचारियों के अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के द्वारा गृहमंत्री, गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन सहित मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेश मुख्यालय भोपाल के नाम कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है।
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