National Safe Day 2023 Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

National Safe Day: MP में सुरक्षा के चूक के कई मामले, लोगों ने जान भी गंवाई फिर भी नहीं हो रहे जागरूक

National Safe Day 2023: राष्ट्रीय सुरक्षित दिवस की स्थापना ब्रुकलिन के माता-पिता ने बन्दूक के प्रति जागरूकता लाने और सुरक्षा के महत्त्व को समझने के लिए समर्पित है।

Deeksha Nandini

National Safe Day 2023: नेशनल सेफ डे की शुरुआत 2016 में ब्रुकलिन मॅई मोहलर फाउंडेशन (Brooklyn Mae Mohler Foundation) ने की थी। आकस्मिक गोलीबारी को रोकने के लिए यह दिन मनाया जाता है। 4 जून बन्दूक के प्रति जागरूकता लाने और सुरक्षा के महत्त्व को समझने के रूप में समर्पित किया है। राष्ट्रीय दिवस कैलेंडर में रजिस्ट्रार ने 2016 में पहला राष्ट्रीय सुरक्षित दिवस (National Safe Day) 4 जून को वार्षिक रूप से मनाया जाने की घोषणा की।

राष्ट्रीय सुरक्षित दिवस की पृष्ठभूमि :

2016 में ब्रुकलिन महलर मोहलर फाउंडेशन (BMMF) ने राष्ट्रीय सुरक्षित दिवस की स्थापना की। ब्रुकलिनाइट माई मोहलर (Brooklyn Mae Mohler) के निधन (Death) के बाद फाउंडेशन बनाया गया था। ब्रुकलिन अपने घर पर अपने दोस्तों से मिलने जा रही थी जब उसकी सहेली ने किचन की कबड (Almirah) में रखी एक बन्दूक मिली। ब्रुकलिन का दोस्त इस बात से अनजान था कि बन्दूक अनलॉक हो गई थी, अनजाने में बंदूक से खेलते हुए ब्रुकलिन को गोली लग गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। राष्ट्रीय सुरक्षित दिवस की स्थापना ब्रुकलिन के माता-पिता, डार्चेल और जैकब ने उसके और उसके जैसे अन्य बच्चों के सम्मान में की थी। यह हमारी संतानों को भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में भी कार्य करता है।

मध्यप्रदेश में लापरवाही से हुए हादसे में गई जान : केस नंबर 01

मध्यप्रदेश में शादी समारोह में हर्ष फायरिंग से एक बच्चे की जान खतरे में पड़ गई। बच्चे के सिर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह घटना आज से लगभग 13 दिन पहले की है। बंदूक को लोड करते समय अचानक बंदूक चल गई थी। 12 वर्षीय सरल जाटव निवासी मुरैना 6वीं क्लास का छात्र था जो अपने नानाजी शादी में आया था और इस लापरवाही का शिकार हो गया।

केस नंबर 02

इसके अलावा लगभग एक महीने पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर एक हर्ष फायर में आज भाजपा नेता के 15 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। वह चचेरे भाई की बारात में नाचते-गाते हुए मैरिज गार्डन तक पहुंचा था। यहां एक रिश्तेदार की बन्दूक से निकली गोली ने उसकी जान ले ली थी। परिजनों ने पास के अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

इसके आलावा भी मध्यप्रदेश में ऐसे कई किस्से है जिसमें बंदूकों के प्रति लापरवाही के चलते कई जान गई है। माता-पिता, चाहे बंदूक के मालिक हों या नहीं, बच्चों को शिक्षित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है इसी को ध्यान में रखते हुये प्रत्येक वर्ष 4 जून को न केवल बन्दूक की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बल्कि असुरक्षित बन्दूक के भंडारण और हर्ष फायरिंग के कारण मारे गए कई बच्चों को याद करने के लिए एक सुरक्षा अभियान चलाया जाता है।

हर्ष फायरिंग के बढ़ते मामले पर उठाया यह कदम :

मध्यप्रदेश में बढ़ते हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने नगर बजरंग दल और संगठन द्वारा शस्त्र पूजा का आयोजन किया था जिसमे हर्ष फायर की गई थी। इस घटना पर पुलिस ने एक संगठन के 150 कार्यकर्ताओं पर हर्ष फायर के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके अलावा मध्यप्रदेश में हर्ष फायर में यदि कोई घायल होता है तो संबंधित व्यक्ति पर धारा 307 एवं किसी की मृत्यु होने पर 302 का मुकदमा दर्ज होगा।

2022 मध्यप्रदेश में शस्त्र लाइसेंस की संख्या :

साल 2022 की बात करें तो अब तक यानी 11 माह में 1117 शस्त्र लाइसेंस (Licenses) बने हैं, जो पिछले 8 साल की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। यह स्थिति भी तब है जब कलेक्टर ने 1,100 आवेदन निरस्त कर दिए। ग्वालियर (Gwalior) जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या 34 हजार 554 तक पहुंच गई है। ग्वालियर मध्यप्रदेश के 52 जिलों में सबसे ज्यादा हथियार वाला जिला बन गया है। जबकि डाकू से प्रभावित रहे भिंड (Bhind) जिले में 24 हजार, मुरैना में 29 हजार 700 लाइसेंसी हथियार है। राजधानी भोपाल में लगभग तिहाई 12029 लाइसेंसी हथियार हैं।कलेक्ट्रेट में इन दिनों 1100 आवेदन लंबित हैं वहीं पुलिस के अलग-अलग दफ्तरों में 3500 आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं। इसके बाद भी आवेदनों की रफ्तार थमी नहीं है।

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