राज एक्सप्रेस। जहां एक ओर कृषि उपज मंडी पांढुर्ना कें हाल बेहाल है, वहीं दूसरी ओर यहाँ पदस्थ अधिकारी स्वयं तो कोई कार्य मंडी में करने की मानसिकता रखते नहीं है बल्की पदस्थ मंडी सचिव मंडी कर्मचारियों को जबरन अपने घर पर निजी कार्यों में लगाते रहतें हैं। जबकी इन कर्मचारियों कों वेतन मंडी बोर्ड के द्वारा मंडी समिति में शासकीय कार्य करने के लिये दिया जाता है।
मंडी के कर्मचारियों से घर के काम कराये जा रहे :
यहां सचिव महोदय के द्वारा मंडी कर्मचारियों सें घर के आस-पास की साफ सफाई से लेकर पेड़ पौधों की देखभाल करायी जा रही है। जों सरासर नियमों कें खिलाफ है, लेकिन पांढुर्ना कृषि मंडी में पिछलें एक साल से अधिक समय सें नियमों को पालन नहीं हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार -
अपनी सुस्त कार्यप्रणाली के लिये मशहूर कृषि उपज मंडी समिति पांढुर्ना में पदस्थ सचिव नें कृषि उपज मंडी को भी अपने जैसा सुस्त कर रखा है। जहां मंडी कर्मचारियों कों अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाकर विभागीय कार्यों में लगाने की जगह महोदय अपने निजी कार्य उनसे करा रहे हैं। ऐसे में पांढुर्ना कृषि उपज मंडी का भगवान ही मालिक है। जहां बड़े-बड़े अधिकारी शासकीय कर्मचारियों से अपने निजी कार्य नही कराते है।
नियमों कें खिलाफ
लेकिन पांढुर्ना में नियमों कों खुली चुनौती देते हुयें मंडी सचिव नियमो को ताक पर रखकर मंडी कें छोटे कर्मचारी सें अपने किरायें कें मकान में मौजुद पेड़ पौधों की देखरेख कराते हैं। उन पौधो की काट छाट सफाई से लेकर छोटे पैमाने पर घर के आस-पास बागवानी का काम भी कराया जा रहा है। ऐसे आरोपों का प्रथमदृष्टया यकीन करना मुश्किल है लेकिन मुख्यमंत्री महोदय कें गृहजिल में अक्सर ऐसे नजारे मंडी सचिव के किराये के घर पर देखे जाते है।
छिंदवाडा जिले कों उत्कृष्ठ माॅडल बनाने का सपना कैसे होंगा पूरा
ये महाशय कृषि मंडी में ना तो स्वयं कोई कार्य ठीक तरीके से कर रहे है और ना ही मंडी कर्मचारीयों को करने दे रहे है। ऐसे अधिकारीयो कें मुख्यमंत्री महोदय के जिले में रहने से कमलनाथजी का छिंदवाडा जिले कों उत्कृष्ठ माॅडल बनाने का सपना कैसे पूरा होंगा। इसका जवाब मंडी बोर्ड व जिले के आला अधिकारीयों कों देना होंगा।
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