महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा Priyanka Yadav - RE
मध्य प्रदेश

आसान नहीं होंगे इस शिवरात्रि महाकाल के दर्शन: जारी हुई नियमावली

उज्जैन, मध्यप्रदेश। महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, वीआईपी को भी बाहर से ही दर्शन करने होंगे।

Author : Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। भारत के आध्यात्मिक उत्सवों की सूची में महाशिवरात्रि का त्यौहार सबसे महत्वपूर्ण है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि, सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ।

महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह रहेगा प्रतिबंधित

महाशिवरात्रि के दिन भक्त भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। आपको बता दें कि, उज्जयिनी के दर्शनीय स्थानों में महाकालेश्वर का स्थान सर्व-प्रमुख है। महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। दर्शन की ये व्यवस्था शासन की मंशानुरूप जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निर्देश पर रहेगी। इससे खासकर पर्व की तैयारियाें में लगे अफसराें की काफी हद तक चिंता दूरी हुई है, क्याेंकि अब वीआईपी भी भीतर जाकर दर्शन नहीं कर पाएंगे, लिहाजा, प्राेटाेकाॅल का भी झंझट नहीं रहेगा।

पिछले एक सप्ताह से महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश काे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। मंदिर समिति ने इसका निर्णय शासन स्तर पर छाेड़ दिया था। इधर, इस बिंदू पर शासन की मंशा स्पष्ट हाे जाने के बाद अब मंदिर प्रशासन का जाेर सामान्य श्रद्धालुओं काे कम समय में दर्शन करवाने पर है ताकि उन्हें ज्यादा वक्त तक कतार में नहीं लगना पड़े।

अधिकारी ये मानकर चल रहे हैं कि- सामान्य श्रद्धालु काे कम से कम एक से सवा घंटे में दर्शन हाे सकेंगे। महाकालेश्वर मंदिर की लड्डू प्रसादी देशभर में प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ काे ध्यान में रखते हुए अभी से ही लड्डू प्रसादी की आपूर्ति बनाए रखने पर जाेर दिया जा रहा है। प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि सामान्य दिनाें में 15 से 16 क्विंटल तक लड्डू प्रसादी बिकती है, महाशिवरात्रि पर्व के लिए 125 क्विंटल लड्डू प्रसादी तैयार करवा रहे हैं। इसके बावजूद परिस्थिति व जरूरत अनुसार तत्काल निर्णय लेंगे।

इस तरह रहेगी व्यवस्था

महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं काे कतार में लगने से पहले अपने जूते-चप्पल हरसिद्धि मार्ग पर बने काउंटराें पर रखने हाेंगे। जब श्रद्धालु दर्शन कर मंदिर के निर्गम द्वार से बाहर निकलेंगे ताे यहां के काउंटराें पर उन्हें अपने जूते-चप्पल मिलेंगे। जूते-चप्पल रखते वक्त श्रद्धालु काे टाेकन व रैक नंबर दे दिया जाएगा। इधर, इसके बाद ये जूते-चप्पल थैलियाें में भरकर लाेडिंग वाहन से निर्गम द्वार के पास पहुंचेंगे। इन थैलियाें पर टाेकन व रैक नंबर लिखे रहेंगे। जिससे ये आसानी से दर्शनार्थी काे मुहैया करवाए जा सकेंगे। समिति इस व्यवस्था के लिए 6 छाेटे लाेडिंग वाहन व 20 श्रमिकाें काे काम पर रख रही है।

प्रसाद एवं अन्य सामग्री के लिए स्टॉल लगाने की लेना हाेगी अनुमति

महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर के बाहरी क्षेत्र में प्रसाद एवं अन्य सामग्री के लिए स्टॉल लगाने वालाें काे अनुमति लेना हाेगी। प्रशासक ने चार सदस्यों की समिति गठित की है, जाे ये अनुमति जारी करेगी। समिति में उप प्रशासक पुष्पेंद्र अहके, महाकाल थाना टीआई, खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा एवं रूबी यादव शामिल हैं। ये समिति संस्था और व्यक्ति विशेष द्वारा वितरित किए जाने वाले प्रसाद और अन्य सामग्री के लिए स्टॉल आदि की अनुमति स्थान तय करके जारी करेगी।

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