अब तक किसानों को दिया 16300 हजार मेट्रिक टन यूरिया सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

अब तक किसानों को दिया 16300 हजार मेट्रिक टन यूरिया, 7670 मे मेट्रिक टन डीएपी

85 हजार हैक्यटर में गेहूं की बोनी हुई, सीहोर, मंडीदीप और सोरई रैक पाईंटों से खाद की आपूर्ति। जिले में खाद के संबंध में कलेक्टर को हर रोज रिपोर्ट करेंगे अधिकारी। खाद की कालाबाजारी रोकने के सख्त निर्देश

Shravan Mavai

भोपाल, मध्यप्रदेश। जिले में बुधवार 29 नवंबर की स्थिति में लगभग 16300 हजार मिट्रिक टन यूरिया, 7670 मे मेट्रिक टन डीएपी सहकारी संस्थाओं के माध्यम से वितरित किया जा गया है। उर्वरक प्रदाय करने वाले तीनों रैक पाईंटों से यूरिया का प्रदाय प्राप्त हो रहा है बीते दो दिवस में जिले में 500 से 700 मिट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हुआ है। जिले की कुल संभावित आवश्यकता अनुसार उर्वरक की आपूर्ति की जा रही है। खाद के संबंध में कलेक्टर को अधिकारी प्रतिदिन रिपोर्ट करेंगे। इस संबध में कलेक्टर ने निर्देश दिए है।

कुल 149 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलें बोई जाती है, जिसमें से बुधवार तक लगभग 85 हजार हैक्यटर में गेहूं की बोनी की गई है। विगत वर्ष लगभग 145000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की गई थी तथा इस वर्ष भी लगभग इतने ही क्षेत्रफल में गेहूं बोये जाने की संभावना है, इसके अलावा चना, मटर, मसूर और सरसों जिले की अन्य मुख्य फसलें है, फसलों के अनुसार यूरिया एवं डीएपी प्रमुख उर्वरक है जिनकी आवश्यकता इन फसलों के लिए होती है। यूरिया मुख्य रूप से गेहूं फसल में दिया जाता है जिससे की फसलों में नत्रजन की पूर्ति होती है। डीएपी नत्रजन एवं फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है जो कि बोनी के समय दिया जाता है। प्रति हेक्टयटर पोषक तत्वों के आधार पर गेहूं में दो से तीन बोरी डीएपी तथा तीन से चार बोरी (45 किलों) यूरिया की आवश्यकता होती है। जिले में दिसम्बर मध्य तक बोनी पूर्ण होने की संभावना है। बोनी प्रारंभ होने के 20-25 दिन उपरांत यूरिया देने की आवश्यकता होती है।

तीन रैक पाईंटों से खाद की आपूर्ति :

भोपाल जिले में सीहोर, मंडीदीप एवं सोरई इन तीन रैक पाईंटों से खाद की आपूर्ति की जा रही है। राज्य शासन द्वारा प्रतिदिन वीसी के माध्यम से खाद आपूर्ति की समीक्षा करने के आधार पर आवश्यकता अनुसार इन रैकों द्वारा उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में चार डबल लॉक केंद्र्र 34 सहकारी सोसायटियां एवं लगभग 100 निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद विक्रय किया जाता है। विभिन्न सहकारी संस्थाओं में पर्याप्त भंडारण किया जा रहा है, खाद वितरण की नियमित मॉनिटिरिंग की जा रही है, इस के लिए विकासखण्ड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीयो को यूरिया वितरण सुचारू रूप से करने के लिए दुकानवार डयूटी लगाई गई है।

कलेक्टर को हर रोज रिपोर्ट करेंगे अधिकारी :

जिले में खाद के संबंध में कलेक्टर को अधिकारी प्रतिदिन रिपोर्ट करेंगे। इस अशय के निर्देश कलेक्टर ने बुधवार को दे दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देश में कहा कि जिले में खाद की कालाबजारी रोकना ही है। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और सभी जरूरतमंद किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर श्री लवानिया ने जिला आपूर्ति नियंत्रक मीना मालाकार और जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों को किसानों को खाद की आपूर्ति करने के लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री लवानिया ने कहा कि जिले में खाद आपूर्ति में गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। ऐसी व्यवस्था की जाए कि किसानों को फसलें बुआई करने के बाद सुगमता से डीएपी और यूरिया प्राप्त हो। उन्होंने जिले में एक टीम बनाकर आपूर्ति की मॉनीटरिंग करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर श्री लवानिया ने जिला नियंत्रक आपूर्ति अधिकारी मीना मालाकार को कहा कि प्रतिदिन मुझे आपूर्ति के संबंध में रिपोर्ट भेजी जाए और किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए कोई कोताही नहीं बरती जाए। कलेक्टर द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से आवश्यकता अनुसार आंकलन करते रहने एवं जिले के कृषकों को खाद की आपूर्ति करने के लिए निर्देशित किया गया है। उर्वरक आपूर्ति के संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उप संचालक कृषि कार्यालय के दूरभाष क्र. 0755-2542828 पर कार्यालयीन समय में सम्पर्क कर सकते है।

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