भोपाल, मध्यप्रदेश। कैबिनेट ने गुरुवार को ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किए जाने की हरी झंडी दे दी गई है। इन पार्क के विकास के लिए आरयूएमएसएल सौर पार्क परियोजना विकासक एसपीपीडी होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत की खरीदी मप्र पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा की जाएगी। प्रदेश के उपयोग के बाद बची बिजली की खरीदी अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिए की जा सकेगी।
यहां बता दें कि, इन दोनों ही परियोजनाओं को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्कस मोड में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी।
1600 से अधिक गांवों में अब उपलब्ध होगा इंटरनेट :
कैबिनेट ने द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहां के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन कर दिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए शैडो क्षेत्र उपलब्ध कराया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी। यहां बता दें कि प्रदेश में 1600 से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है।
यह प्रस्ताव भी मंजूर :
पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इंदौर, जबलपुर, आगर मालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरंतरता एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति।
राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन होगा।
जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछे रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100 फीसदी जमा करने के बाद अनुबंध- रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर करेंगे।
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