भोपाल, मध्य प्रदेश। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश का लव जिहाद कानून अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अलग और कठोर होने जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सरकार कानून में संपत्ति कुर्क, गुजारा भत्ता देने के प्रावधान को जोड़ने पर भी विचार कर रही है।
मध्यप्रदेश के लव जिहाद कानून को लेकर डॉ. मिश्रा ने कहा हमने इसमें कई प्रावधान जोड़े हैं, जोकि अन्य राज्यों से काफी अलग होंगे। संपत्ति कुर्क की बात होगी। इसके अलावा, गुजारा भत्ता देने के प्रावधान को जोडऩे की बात पर विचार कर रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार कथित लव जिहाद रोकने के संबंध में म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 लाने वाली है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अब किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर विवाह के माध्यम से अथवा अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा प्रयास करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
धर्म परिवर्तन कराने पर कर सकेंगे शिकायत :
प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने संबंधी प्रयास किए जाने पर प्रभावित व्यक्ति स्वयं, उसके माता-पिता अथवा रिश्तेदार इसके विरुद्ध शिकायत कर सकेंगे। यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती तथा सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होगा। उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसका अन्वेषण नहीं कर सकेगा। धर्मांतरण नहीं किया गया है यह साबित करने की जिम्मेदारी अभियुक्त की होगी। प्रस्तावित अधिनियम में जो विवाह धर्म परिवर्तन की नियत से किया गया होगा वह अकृत एवं शून्य होगा। इस प्रयोजन के लिए कुटुम्ब न्यायालय अथवा कुटुम्ब न्यायालय की अधिकारिता में आवेदन करना होगा।
हो सकती है 10 साल तक की सजा :
किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा-3 का उल्लंघन करने पर एक वर्ष से पांच वर्ष का कारावास व कम से कम 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगेगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के प्रकरण में दो से 10 वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50 हजार रुपए का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर तीन वर्ष से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 50 हजार रुपए अर्थदण्ड होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर पांच से 10 वर्ष के कारावास एवं कम से कम एक लाख रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है। प्रस्तावित अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को दिगभ्रमित कर, प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा।
उत्तरप्रदेश में बन चुका है कानून :
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दी है। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने 24 नवंबर को मसौदा अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसके तहत विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध बना दिया गया है तथा इसमें 10 साल तक की कैद का और विभिन्न श्रेणियों के जहत अधिकतम 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
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