भोपाल, मध्यप्रदेश। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर राज्य सरकार ने कर्ज लेने की रफ्तार बढ़ा दी है, वहीं दूसरी तरफ निवेशकों ने भी मप्र को कर्ज देने में पूरी दरियादिली दिखाई है। नतीजा कि अब सरकार ने कर्ज की अदायगी का समय बढ़ा दिया है। अब तक 10 से 20 वर्ष की अवधि के लिए कर्ज लेने वाली राज्य सरकार अब पहली बार 25 वर्ष की अवधि के लिए कर्ज लेने जा रही है। राज्य सरकार ने एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी की है। ये कर्ज 2 हजार करोड़ रुपए का होगा। लगातार 5 बार 3-3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने के बाद सरकार अब 2 हजार करोड़ रुपए लेने जा रही है।
वित्त विभाग ने नए कर्ज के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। उसके मुताबिक नया कर्ज लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 14 मार्च को ऑक्शन किया जाएगा, वहीं 15 मार्च को इसे ओपन किया जाएगा। तब ये साफ होगा कि मप्र को कर्ज देने का मौका किन निवेशकों को मिला है। नया कर्ज लेने के लिए भी राज्य सरकार ने अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए राशि की जरुरत बताई है।
मार्च में अब कर्ज 8 हजार करोड़ :
वित्त विभाग ने एक मार्च को ही तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसी तरह 8 मार्च को होली के दिन भी तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस तरह राज्य सरकार मौजूदा माह में पहले ही छ: हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। अब दो हजार करोड़ रुपए के नए कर्ज के बाद मौजूदा माह में कर्ज राशि का आंकड़ा आठ हजार करोड़ रुपए हो जाएगा।
बाजार से कर्ज अब 28 हजार करोड़ :
मौजूदा वित्तीय वर्ष में कर्ज लेने की शुरूआत राज्य सरकार ने 29 जून से की थी, तब से लेकर अब तक नए कर्ज को मिलाकर 12 बार कर्ज ले चुकी है। इस 12 बार में सरकार बाजार से 28 हजार करोड़ रुपए उठा चुकी है। अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने में लगभग एक पखवाड़ा बचा है। ऐसे में सरकार अब भी बाजार से 5 से 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है।
कर्ज के मामले में 3 लाख करोड़ क्लब में पहले ही शामिल हो चुका है मप्र :
मप्र पहले ही कर्ज के मामले में 3 करोड़ रुपए के क्लब में शामिल हो चुका है। अब अगले एक वर्ष की अवधि में कर्ज के मामले में मप्र 4 लाख करोड़ की दहलीज पर पहुंच सकता है।
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