नर्मदापुरम। प्रति वर्ष आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष दूज पर जगत के पालनहार स्वस्थ्य होने के बाद अपनी प्रजा के हाल चाल जानने के लिए रथ पर आरूढ़ होकर अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण के लिए निकले, जो करीब एक सप्ताह में भ्रमण करने के पश्चात वे पुन: अपने सिंहासन पर विराजमान हुये।
मंगलवार जगदीश मंदिर में भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा अर्चना भक्तों के द्वारा की गई साथ ही भजन कीर्तन करते हुए उनका विशेष श्रृंगार किया गया। जगदीश मंदिर को आकर्षक विद्युत साज सज्जा से सजाया गया है, वही अनेकों स्थान पर भगवान जगन्नाथ रथयात्रा का श्रद्धालुओं के द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। इस दौरान मानों पूरा शहर जगन्नाथमय हो गया। जगह जगह पर भगवान के गगनभेदी जयघोष सुनाई दे रहे है। स्थानीय जगदीश मंदिर से जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ की विशाल रथ यात्रा का शुभारंभ शाम 5 बजे किया गया, जो कि शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए देर रात को इतवारा बाजार स्थित महावीर टाकीज परिसर जनकपुरी पहुंची।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाया और वही प्रदेश भर से आए साधु संतों और राम सखियों के अलावा मंदिर के महंत स्वामी नारायण दास का श्रद्धालुओं ने अनेकों जगह पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। रथ यात्रा के दौरान वृदांवन से आई रामसखियों के द्वारा मनमोहक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। वही रथयात्रा में घोड़े, बैंड बाजे के अलावा जोरदार आतिशबाजी की गई। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान गणमान्य नागरिकों के अलावा हजारों श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए आचार्य नीरजेश त्रिपाठी ने बताया कि यह वर्षों पुरानी परंपरा है जिसमें जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ के रथ को छूकर थोड़ी दूर तक चलने पर पुण्य फल प्राप्त होता है। रथयात्रा जगदीश मंदिर से प्रारंभ होकर सैन्ट्रल बैंक गली से होते हुए सराफा चौक, मौरछली चौक, एकता चौक, गांधी चौक, इतवारा बाजार, इंदिरा चौक होते हुए महावीर टाकीज परिसर जनकपुरी पहुंची। रथ यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ पुन: अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए।
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