सुरा प्रेमियों को नहीं मिली शराब, बंद रही दुकानें Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

Bhopal : सुरा प्रेमियों को नहीं मिली शराब, बंद रही दुकानें

भोपाल, मध्यप्रदेश : नई आबकारी नीति से नाराज आबकारी ठेकेदारों की हड़ताल पर चले गए है। हड़ताल के चलते जिले की सभी शराब दुकानें शुक्रवार को बंद रही है, जिसकी वजह से सुरा प्रमियों को शराब नहीं मिली।

Shravan Mavai

भोपाल, मध्यप्रदेश। नई आबकारी नीति से नाराज आबकारी ठेकेदारों की हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते जिले की सभी शराब दुकानें शुक्रवार को बंद रही है, जिसकी वजह से सुरा प्रेमियों को शराब नहीं मिली, कई सुरा प्रेमी शहर के अलग-अलग इलाकों में शराब दुकानों के चक्कर लगाते रहे। हड़ताली आबकारी ठकेदारों ने आबकारी मंत्री से मिलने के प्रयास किए, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। हलांकि आबकारी ठेकेदारों की हड़ताल पर जाने के पीछे का असल कारण गुरुवार रात शराब दुकानों पर आबकारी अधिकारियों द्वारा अचानक पहुंच कर स्टॉक चेक करने की कार्रवाई बताया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान शराब दुकानें बंद रहने ठेकेदारों को लगभग एक करोड़ रुपए का नुकसान होना बताया जा रहा है।

शुक्रवार की सुबह जिले की शराब दुकानें जब सुबह 11 बजे तक नहीं खुली तो शराब खरीददार बेचन हो गए, उन्होंने दुकान कर्मचरियों को फोन लगाकर दुकानें नहीं खुलने की वजह पूछी तो बताया गया कि आज हड़ताल है और दुकानें बंद रहेगी। शहर के न्यू मार्केट और पांच नंबर स्टाप के पास स्थित शराब की दुकानें खुली रही ,यहां ग्रहाकों की लंबी लाइन देखी गई। कुछ दुकानों में चोर दरवाजों से शराब बेची गई।

मप्र शराब ठेकेदार संघ भोपाल यह बोला :

दोपहर में मप्र शराब ठेकेदार संघ भोपाल इकाई द्वारा पत्रकार वर्ता का आयोजन कर जिला आबकारी विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई का विरोध किया। संघ के पदाधिकारियों ने मप्र आबकारी निति को फेल बताया है। मप्र शराब ठेकेदार संघ ने कहा कि आबकारी विभाग ने राजधानी भोपाल और इंदौर में शराब व्यापारियों पर दबाव बना रहा है। आबकारी विभाग ने गुरुवार 17 फरवरी को रूटीन चेकिंग के बहाने छापा मारकर कई दुकानें की सील की है और चेकिंग के दौरान शराब की बिक्री रोकी दी गई, जिससे ठेकेदारों को लगभग एक करोड़ का नुकसान हुआ है। इसी तरह शासन को भी दो करोड़ का रजास्व की हानि हुई है। शराब ठेकेदारों द्वारा शुक्रवार को आबकारी विभाग की कार्रवाई के विरोध में काला दिन मनाया गया है।

आबकारी विभाग और ठेकेदारों के विवाद ने पकड़ा तूल :

गुरुवार रात से शुरु हुआ आबकारी विभाग और ठेकेदारों के विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। शराब ठेकेदार और आबकारी विभाग पीछे हटने को तैयार नहीं है। आबकारी विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित समयानुसार दुकानों की नीलामी से पहले और बाद में स्टॉक चेक करने का नियम है और अधिकारी नियमानुसार कार्य कर रहे है। वहीं शराब ठेकेदार संघ भोपाल इकाई ने आरोप लगाए है कि विभाग ठेकेदारों पर नई शराब दुकानें लेने के लिए दबाव बना रहा है। विभाग की कार्रवाई का तारीका उचित नहीं है। आबकारी विभाग और ठेकेदारों के बीच शुरु हुआ विवाद अभी थमता दिखाई नहीं दे रहा।

नई आबकारी नीति में इस बदलाव से ठेकेदार परेशान :

2022-23 में हुई शराब दुकानों की नीलामी प्रक्रिया के दौरान तीन-तीन दुकानों का मिलाकर अलग -अलग समूह बना दिए गए है। यह नई आबकारी नीति के तहत विभाग ने किया है,जबकि साल 2021-22 तक एक ठेकेदार जिले की सभी दुकानों को लेता था। अब एक जिले में कई ठेकेदार अलग-अलग समूह में दुकानें लेना नहीं चाहते है। गौरतलब है कि 2022-23 में भोपाल जिले में 90 में से 32 दुकानें ही नीलाम हुई है।

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