भोपाल। राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके नगरीय निकायों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार नए-नए जुगत लगा रही है। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अब कोई व्यवसाय, कारोबार करना है तो फिर नगरीय निकायों से बाकायदा अनुमति लेना होगा। निकायों की बगैर अनुमति के व्यवसाय शुरू नहीं कर सकेंगे। निकाय क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने पर निकाय इसके लिए बाकायदा शुल्क भी प्रतिवर्ष वसूलेंगे। विभाग ने जो नए नियम तय किए हैं उस हिसाब से अलग- अलग नगरीय निकायों में अलग - अलग राशि लायसेंस शुल्क के लिए देना होगा। नगर पालिक निगम क्षेत्र में लायसेंस लेने के लिए व्यवसायी को 50 हजार रुपए देना होगा। इसी तरह नगर पालिका क्षेत्र में इसके लिए 25 हजार रुपए और नगर परिषद क्षेत्र में 15 हजार रुपए देना होगा। जिस परिसर के लिए लायसेंस जारी किया जाएगा, उसी परिसर में ही व्यवसाय करना होगा। किसी और परिसर या परिधि से बाहर व्यवसाय की अनुमति नहीं होगी।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मप्र नगर पालिका व्यापार अनुज्ञापन नियम-2023 तैयार कर इसे प्रदेश में लागू कर दिया है। नए नियमों के तहत कारोबार शुरू करने पर नगरीय निकायों से भी लायसेंस लेना होगा। जिस व्यक्ति के नाम से लायसेंस लिया जाएगा, उसी व्यक्ति के नाम से ही कारोबार संचालित होगा। लायसेंस को किसी और को हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा, लेकिन यदि नामांतरण करना है तो फिर इसके लिए विधिवत प्रक्रिया अपनानी होगी और इसके लिए बाकायदा शुल्क चुकाना होगा।
सड़क की चौड़ाई देखकर लगेगा प्रति वर्ग फीट के हिसाब से शुल्क
इसी तरह व्यवसाय शहर के किस तरह के सड़कों के आसपास किया जा रहा है तो उसी हिसाब से प्रतिवर्ष लायसेंय शुल्क भी देना होगा। यदि व्यवसाय वाले दुकान या प्रतिष्ठान के सामने की सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर या उससे कम है तो नगर निगम क्षेत्र में 4 रुपए, नगर पालिका क्षेत्र में 3 रुपए और नगर परिषद क्षेत्र में 2 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से शुल्क देना होगा। 15 मीटर तक की सड़क वाले क्षेत्रों में व्यवसाय करने पर नगर निगम में 5 रुपए, नगर पालिका में 4 रुपए और नगर परिषद में 3 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से लायसेंस शुल्क देना होगा। इसी क्रम में 15 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले सड़कों के किनारे दुकान या प्रतिष्ठान होने पर नगर निगम के तहत 6 रुपए, नगर पालिका में 5 रुपए और नगर परिषद में 4 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से प्रतिवर्ष लायसेंस शुल्क देना होगा।
कॉलोनी, मोहल्लों के लिए भी शुल्क तय
मुख्य सड़क से हटकर कॉलोनी या मोहल्लों में भी यदि दुकान या व्यवसाय करना है तो भी इसके लिए प्रतिवर्ष ली जाने वाली लायसेंस शुल्क तय कर दी गई है। अब ऐसे मामलों में नगर निगम क्षेत्र में 4 रुपए, नगर पालिका क्षेत्र में 3 और नगर परिषद क्षेत्र में 2 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से शुल्क की वसूली होगी।
बाजारों के आकार से भी तय होगी शुल्क की राशि
इसी क्रम में छोटे और मध्यम आकार के बाजारों में यदि दुकान या प्रतिष्ठान स्थापित होते हैं तो नगर निगम के मामले में 5 रुपए, नगर पालिका के लिए 4 रुपए और नगर परिषद के लिए 3 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से राशि देना होगा,वहीं बड़े स्तर के बाजारों में प्रतिष्ठान होने और व्यवसाय करने पर क्रमश: 6 रुपए, 5 रुपए और 4 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से प्रतिवर्ष लायसेंस शुल्क देना होगा। मिनी ट्रक, पीक अप जीप आदि वाहनों का कारोबार करने वालों को भी क्रमश: नगर निगम क्षेत्र में 400 रुपए, नगर पालिका क्षेत्र में 300 रुपए और नगर परिषद क्षेत्र में 200 रुपए प्रति वाहन देने होंगे। वहीं ऑटो रिक्शा या तीन पहिया वाहनों के मामलों में क्रमश: 250, 200 रुपए और 150 रुपए प्रति वाहन निकायों को देने होंगे। इसी तरह गुमटी आदि के लिए भी नगर निगम क्षेत्र में 200 रुपए, नगर पालिका क्षेत्र में 150 रुपए और नगर परिषद क्षेत्र में 100 रुपए प्रतिवर्ष वसूल सकेंगे। सामान्य तौर पर व्यापार करने के लिए गुमाश्ता श्रम विभाग के माध्यम से जारी होता है। उसके बाद व्यवसाय की प्रकृति के हिसाब से अलग- अलग विभागों की तय संस्थाओं से अनुमति और लायसेंस लेना होता है।
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