हाइलाइट्स :
स्थल का सर्वे जीपीएस फोटोग्राफ्स लगाने होंगे, इसके बाद ही प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलेगी।
50 लाख या उससे अधिक के विकास कार्यों के लिए सक्षम अधिकारी से प्रशासनिक स्वीकृति।
निगम कमिश्नर ने सभी विभागों को आदेश जारी किए हैं।
भोपाल। नगर निगम का सिविल डिपार्टमेंट, सीवेज, गार्डन सेक्शन, इलेक्ट्रिकल और वॉटर वर्कस डिपार्टमेंट शहर में कोई नया प्रोजेक्ट बनाने जा रहा है तो पहले स्थल का सर्व करना होगा। इसमें देखा जाएगा कि पर्याप्त जगह है या नहीं? निगम के अधिपत्य में है या नहीं? जैसी फिजिकल रिपोर्ट के बाद ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकेंगे। हाल ही में रेरा ने नीलबड़ प्रोजेक्ट को लेकर नगर निगम पर एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। इससे सबक लेते हुए निगम कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए ने सभी विभागों को आदेश जारी किए हैं।
नगर निगम के अधीक्षण यंत्री सिविल, सीवेज, गार्डन सेक्शन, विद्युत और जलकार्य को कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए ने आदेश जारी कर साफ कहा है कि 50 लाख या उससे अधिक के विकास कार्यों के लिए सक्षम अधिकारी से प्रशासनिक स्वीकृति से पहले जगह पर्याप्त है या नहीं? नगर निगम के अधिपत्य में है या नहीं? प्रस्तावित स्वीकृत के पहले यह कार्य पूर्ण, आंशिक रूप से किसी ओर मद से या अन्य विभाग से कराया गया है या नहीं? अगर कोई कार्य एक से अधिक वार्ड या जोन को शामिल कर किया जा रहा है तो स्पष्ट रूप से कारण बनाना होगा।
इसके अलावा स्थल का सर्वे जीपीएस फोटोग्राफ्स लगाने होंगे। इसके बाद ही प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलेगी और आगे का काम शुरू होगा। दरअसल ऐसा इसलिए कि निगम के कई प्रोजेक्ट बनने के बाद विवादों में आ गए। प्रोजेक्ट में बड़ी धनराशि खर्च हो गई और कोर्ट केस शुरू हो गए। इससे बचने के लिए कमिश्नर ने यह कमद उठाया है।
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