जबलपुर। मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद (State Bar Council Of MP) द्वारा आयोजित की गई प्रशासनिक समिति की बैठक में उपस्थित समिति के अध्यक्ष राधेलाल गुप्ता, मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता के उपाध्यक्ष एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी, सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी, सदस्य राजेश पाण्डे व परिषद के कार्यकारिणी अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) व बार कौसिल ऑफ इंडिया ( Bar Council of India ) के निर्देशों के परिपेक्ष में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि जिन अधिवक्ताओ का वेरिफिकेशन (Verification) नही हुआ, वे मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद से मिलने वाले समस्त लाभ से वंछित किये जावेगें।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में अधिवक्ताओं की संख्या लगभग एक लाख 22 हजार है जबकि काफी अधिवक्ताओं द्वारा वेरिफिकेशन आज दिनांक तक नहीं कराया गया है। वेरिफिकेशन (Verification) न होने के बावजूद भी अधिवक्ताओं द्वारा अधिवक्ताओं से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाना चाहते है इन परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुये कड़ाई के साथ इस प्रस्ताव का पालन कराये जाने हेतु समिति द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है।
मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता के उपाध्यक्ष एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी द्वारा यह भी बताया गया कि जिन अधिवक्ताओं ने वैरीफिकेशन फार्म ( Verification Form) या डिक्लेरेशन फार्म (Declaration Form) नहीं भरा है वे 15 दिवस के अंदर फार्म भर कर परिषद को सूचित करें ताकि अधिवक्ताओं (Advocates) को मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ प्राप्त कर सके।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।