Lawyers strike  सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

तत्काल काम पर वापस लौटे वकील, हड़ताल पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर दिये आदेश

मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश में वकीलों द्धारा की जा रहीं हड़ताल पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये है।

Amit Namdeo

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश में वकीलों द्धारा की जा रहीं हड़ताल पर शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अपने बहुपृष्ठीय विस्तृत आदेश में स्पष्ट कहा है कि यदि इसका पालन नहीं हुआ तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा और उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें।

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जिस तरह बातें सामने आई हैं, उससे हम बेहद हैरान, चिंतित और दुखी हैं। स्टेट बार का पत्र मिलने के बाद जवाब दिया गया था और स्टेट बार के चेयरमैन व सदस्यों से कहा था कि मुद्दों को चीफ  जस्टिस के समक्ष विचार के लिए रखें। ऐसा करने के बजाय चेयरमैन ने राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ  इंडिया के चेयरमैन ने भी 23 मार्च को स्टेट बार के चेयरमैन को पत्र लिखकर तत्काल हड़ताल वापस लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन भी नहीं किया गया। इतना ही नही न्यायालय ने कहा कि पक्षकारों के हित प्रभावित हो रहे है। इससे पूर्व भी हड़ताल के मुद्दे को लेकर पूर्व में निर्णय हुए थे, जिस पर अंडरटेकिंग भी दी गई  थी। जनहित व पक्षकारों के हित में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उक्त निर्देश दिये।

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