भिण्ड, मध्यप्रदेश। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चाहे कितनी भागदौड़ कर कसावट लाने की कोशिश कर रहे हों। बिजली कंपनी के अफसर से लेकर कर्मचारियों का ढर्रा सुधारने का कितना भी प्रयास करें, लेकिन हालत जस के तस हैं। एक तार टूटने के बाद उसे जोड़ने में बिजली कर्मियों ने छह घंटे से ज्यादा का समय लगा दिया। इस तार को लेकर बिजली कंपनी के 3 जोन ऑफिस के कर्मचारी उलझे रहे। वे थानों की तरह अपने-अपने क्षेत्र की सीमाएं नापते रहे। इधर, करीब 1.5 लाख आबादी बिजली को लेकर परेशान होती रही।
यह हाल है लहार डिवीजन के :
यहां शुक्रवार की शाम करीब पौने सात बजे 33 केवी बिजली लाइन का तार रोहानी जागीर के मौजे में (लहार सर्किल के पास) टूट गया था। यह बिजली का तार टूटने से असवार जोन और दबोह जोन के करीब 50 से अधिक गांव की बिजली ठप हो गई। यहां बिजली गुल होने के बाद बिजली कंपनी के सर्किल स्तर पर बिजली अफसर आपस में उलझे रहे। चूंकि दबोह और असवार जोन की बिजली सप्लाई बंद होने से लहार जोन के अधिकारी-कर्मचारी तार टूटने की जानकारी होने के बाद भी समस्या से दूरी बनाए रखी।
इधर, असवार जोन के कई गांव प्रभावित हुए। वहीं, दबोह कस्बा समेत अन्य गांव पूरी तरह से प्रभावित रहा। असवार और दबोह जोन के बिजली कर्मी, लहार सर्किल ऑफिस के बिजली कर्मियों पर मामला टालते रहे। इस तरह एक-दूसरे पर टाला मटोली के बाद रात साढ़े बारह बजे के बाद बिजली शुरू हो सकी। बिजली बंद रहने से 50 से अधिक गांव के अलावा दबोह कस्बा की बिजली बंद रही।
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