मुरैना, मध्य प्रदेश। जिले के गांवों को इस बार एक नहीं दो नदियों ने घेर लिया है। क्वारी नदी ने गांवों को टापू में तब्दील कर दिया तो चंबल का पानी भी धीरे-धीरे कई गांवों को घेरने पहुंच गया। डूब मेें आए गांव की सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीम ने रेस्क्यू कर एक दर्जन से अधिक गांव के 200 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। रेस्क्यू के साथ-साथ प्रशासनिक टीम चंबल के लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर भी नजर बनाए हुए है। क्योंकि चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार करते हुए पुराने पुल के नजदीक पहुंच गया है। आंशका जाहिर की जा रही है कि बुधवार सुबह तक पुराना पुल चंबल नदी में समा जाएगा।
चंबल नदी से पहले इस बार क्वारी नदी में उफान आ गया था। क्वारी नदी का पानी बीते रोज से ही कई गांव में पहुंचना शुरू हो गया। इधर चंबल नदी ने भी आज रोद्र रूप धारण कर लिया। मंगलवार को क्वारी नदी की बाढ़ ने जौरा तहसील के काबिल गांव को टापू में तब्दील कर दिया। ग्रामीणों को बाढ़ में फंसा देख प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू शुरू किया और इस गांव के तकरीबन 150 परिवारों को सरकारी स्कूल व पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया। कुछ परिवार सुरक्षित बाहर आने के बाद अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। क्वारी नदी ने ही लहर गांव के भागीरथ का पुरा में बने मकानों को घेरा। यहां से प्रशासन ने पांच परिवारों को नाव के जरिए बाहर निकाला और सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया। कुछ गांवों को चंबल नदी की बाढ़ ने प्रभावित किया है।
चंबल नदी ने अंबाह तहसील के कंचन का पुरा बीलपुर, कुथियाना व नीवरीपुरा में तबाही मचाई। इन गांवों के 25 परिवारों को प्रशासन ने गांव से निकालकर स्कूल व पंचायत भवनों में शिफ्ट किया है। चंबल की बाढ़ से रसोधना, नदुआ का पुरा, चेंचई का पुरा, विस्सा का पुरा, पोरसा इलाके के भूप का पुरा गांवों को भी प्रभावित किया। इन गांवों से प्रशासन ने 100 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है। प्रशासन का रेस्क्यू लगातार जारी है और हालातों पर नजर भी बनाए हुए हैं। क्योंकि प्रशासन अभी केवल क्वारी नदी में आई बाढ़ से चिंतित था लेकिन चंबल नदी में बढ़ रहे जल स्तर ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है। प्रशासन ने तबाही का आशंका को देखते हुए चंबल नदी किनारे बसे तकरीबन 100 गांवों को खाली कराया है।
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क्वारी में नैपरी पुल डूबा, चंबल पुराने पुल को डुबोने तैयार
क्वारी नदी में आई बाढ़ ने मंगलवार को नैपरी पुल को डुबो दिया है। सुबह के समय नदी का पानी पुल के नजदीक से बह रहा था जो शाम होते-होते नैपरी पुल के ऊपर से बहने लगा। प्रशासन ने कैलारस से सबलगढ़ की ओर जाने वाले इस रास्ते पर रोक लगा दी है। क्योंकि इस पुल की सड़क पर कुछ दरारें भी नजर आ रही थीं। इसलिए खतरे की आशंका को देखते हुए मार्ग रोक दिया गया है। उधर चंबल नदी में बढ़ रहा जल स्तर पुराने पुल के नजदी पहुंच गया है। सुबह 8 बजे नदी का जल स्तर 137.10मीटर पर था जो शाम होते-होते 139.90मीटर पर आ गया है। पुराना पुल 142मीटर पर है। आशंका जाहिर की जा रही है कि यह पुल बुधवार सुबह तक नदी में डूब जाएगा क्योंकि कोटावैराज से मंगलवार को 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो कल तक यहां पहुंच जाएगा इससे चंबल नदी का जल स्तर 144 मीटर तक पहुंच सकता है।
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बांधों का जल स्तर भी बढ़ रहा खतरे की ओर
नदियों के साथ-साथ मुरैना जिले के बांधों का पानी भी खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। कोतवाल बांध की क्षमता 552.50 फीट है। इस बांध में 550फीट तक पानी पहुंच गया है। जबकि पिलुआ बांध की क्षमता 551.50फीट है। इस बांध में अभी 550 फीट तक पानी है। यहां के सबसे बड़े बांध पगारा की क्षमता 654फीट है। इस बांध में 645.90फीट पानी एकत्रित हो चुका है। इनका जलस्तर अभी और भी बढ़ सकता है।
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बांधों की स्थिति
बांध क्षमता जलस्तर
सोमवार मंगलवार
कोतवाल 552.50 549.50 550.00
पिलुआ 551.50 549.50 550.00
पगारा 654.00 630.00 645.90
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चंबल में मंगवार को इस तरह बढ़ा जलस्तर
समय जल स्तर
सुबह 08 बजे 137.10
दोपहर 12 बजे 138.20
दोपहर 01 बजे 138.50
दोपहर 02 बजे 139.00
04 बजे 139.50
05 बजे 139.90
फैक्ट फाइल :
- चंबल नदी में खतरे का निशान 138 मीटर पर है।
- चंबल नदी का पुराना पुल 142 मीटर ऊंचाई पर बना है।
- नदी का जल स्तर अभी 139.90 मीटर पर चल रहा है।
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