मुरैना, मध्यप्रदेश। किसान विरोधी काले कृषि कानून के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी विरोध किया जा रहा है। नए कृषि कानून के खिलाफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस लगातार किसानों के साथ मिलकर विरोध कर रही हैं। इसीक्रम आज मुरैना में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के कई नेता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में कमलनाथ ने कहा कि देश में 40 साल पहले अमेरिका से अनाज आयात होता था। किसानों की बदौलत अब हम विदेशों को अनाज निर्यात करते हैं। कमलनाथ ने भाजपा की केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने अनाज व्यापार का राष्ट्रीयकरण शुरू किया, तब से समर्थन मूल्य शुरू हुआ। आज मप्र के 20 फीसदी किसानों को ही समर्थन मूल्य मिलता है, जबकि पंजाब में 95 फीसदी किसानों को समर्थन मूल्य मिलता है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने केंद्र के नए कृषि कानून को लेकर कहा कि केंद्र सरकार इस कानून से व्यापारियों को मंडी का स्टेट्स देने की तैयारी कर रही है। जिससे समर्थन मूल्य बन्द हो जाएगा। किसान को बंधुआ बनाने के लिए ये कानून बनाया गया है। हमारी सरकार ने किसानों की क़र्ज़ माफी की शुरूआत की थी लेकिन भाजपा सरकारें किसानों के साथ छलावा कर रही हैं। कमलनाथ ने युवा नौजवान किसान से सच्चाई का साथ देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में व्यापारियों को खरीदी की सीमा से मुक्त करने का प्रावधान किसानों के लिए घातक होगा। हमने मध्यप्रदेश में सौदेबाज़ी की राजनीति नहीं की, हमारी सरकार ने किसानों की क़र्ज़ माफी की शुरूआत की थी, लेकिन प्रदेश में 15 साल के भाजपा शासन काल में उद्योग बन्द हो गए।
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