खंडवा, मध्यप्रदेश। महाराष्ट्र के अभ्यारण्य से एक टाइगर खंडवा के आदिवासी क्षेत्र पंधाना में आ पहुंचा है। टाइगर के हमले से एक किसान की मौत हो चुकी है। लेकिन तीन दिन बाद भी टाइगर का रेस्क्यू नहीं किया जा सका। खंडवा और खरगोन जिले में घूम रहा टाइगर खूंखार हो गया है। दो दिन पहले होली के दिन बाघ जहां खरगोन जिले के एक गांव में किसान पर हमला किया था वहीं शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे खंडवा जिले के पंधाना से कुछ किलोमीटर दूर ही बाघ ने एक गाय को अपना शिकार बना डाला। तीन दिन से इलाके में बाघ का मूवमेंट लगातार बना हुआ है और बाघ आदमखोर होता जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ वन विभाग बाघ को पकड़ने में नाकामयाब साबित हुआ है जिससे पूरे इलाके में लोग दहशत में हैं। जानकारी के मुताबिक आदमखोर टाइगर ने शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे खंडवा के पंधाना से महज 5 किमी. दूर भावसिंगपुरा गांव में एक गाय का शिकार कर किया है। बताया जा रहा है कि टाइगर का मूवमेंट गवला/मांडवा में मिलने के बाद वन विभाग वहां पर टाइगर की सर्चिंग कर रहा था इसी दौरान बाघ ने अपना मूवमेंट बदला और भागसिंगपुरा गांव की तरफ आ गया। जहां खेत में रहने वाले एक किसान के घर बंधी गाय का बाघ ने शिकार किया। किसान ने जब मृत गाय को देखा तो आस पड़ोस के लोगों को सूचना दी।
होली पर किसान पर किया था हमला :
बता दें कि जिस बाघ ने गाय का शिकार किया है उसने दो दिन पहले खरगोन जिले के झिरन्या तहसील के आभापुरी अंबाडोचर गांव के नजदीक खुशियाला गांव के जंगल में गवला गांव के रहने वाले किसान संतोष भास्करे पर हमला कर दिया था। हमले में किसान संतोष बुरी तरह घायल हुआ था और उसे इलाज के लिए पहले उप स्वास्थ्य केन्द्र पंधाना और फिर खंडवा रेफर किया गया था जहां से गुरुवार को उसे इंदौर रेफर किया जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में संतोष की मौत हो गई। किसान पर बाघ के द्वारा हमला किए जाने की घटना से गांव में दहशत का माहौल है। वहीं वन विभाग का अमला भी बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक बाघ को पकड़ा नहीं जा सका है।
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