रंगपंचमी से पहले पहुंचे हजारों लोग, होली त्यौहार से यहां पांच दिवसीय मेला का आयोजन होता है जिसमें खास दिन रंगपंचमी दिन होता है। सबसे खास दिन रंगपंचमी का होता है। इस दिन देह बाधा पीड़ित चीख पुकार से वातावरण गूंज उठता है। कोई जमीन पर लोट रहा है तो कोई सुधबुध भूलकर बदहवास है। समूचा मंजर देखकर लगता है जैसे भूतों का मेला लगा हुआ है। भूतों की अदालत खण्डवा जिले से 22 किलो मीटर दूर स्थित ग्राम जामली में सैलानी बाबा के दरबार में सजती है।
खंडवा, मध्यप्रदेश। अपराधियों को सजा मिलनी लाजिमी है। ये कानून इंसानों पर लागू होते तो आपने देखा सुना होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसी अदालत के बारे में बता रहे हैं जहां पर भूतों को उनके अपराध की सजा दी जाती है। भूतों की अदालत खण्डवा जिले से 22 किलो मीटर दूर स्थित ग्राम जामली में सैलानी बाबा के दरबार में सजती है। सैलानी सरकार के दरबार में यह अदालत लगती है जहां भूतों के अपराध की सजा सुनाई जाती है। सैलानी बाबा के दरबार में मानसिक रूप से परेशान लोग आते हैं। पीड़ितों के परिजनों को विश्वास होता है कि उनके ऊपर भूत या किसी ऊपरी हवा का साया है। पीड़ित जैसे ही मजार की जाली पकड़ता है वैसी ही पीड़ित लोग हरकतें करना शुरू कर देते हैं। भूत के मरीज सिर पटक/पटक कर अपनी गलती मानते हैं। गलती मानने के बाद सैलानी सरकार उन्हें भूत/प्रेत जैसी बंदिशों से मुक्त कराते हैं।
रंगपंचमी मेले का खास दिन :
सैलानी बाबा की मजार पर साल में होली से लेकर पांच दिन मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें सबसे खास दिन रंगपंचमी का होता है। इस दिन देह बाधा पीड़ित चीख पुकार से वातावरण गूंज उठता है। कोई जमीन पर लोट रहा है तो कोई सुधबुध भूलकर बदहवास है। समूचा मंजर देखकर लगता है जैसे भूतों का मेला लगा हुआ है। होली त्यौहार से यहां पांच दिवसीय मेला कई वर्षो से लगता आ रहा है और रंगपंचमी मेले का खास दिन होता है। इस दिन दरगाह की खिदमत करने वाला परिवार चादर चढ़ाता है। आम तौर पर मेलों में व्यापारियो को कारोबार के लिये शुल्क देना होता है लेकिन सैलानी बाबा मेले में व्यवसाय के लिये नि शुल्क भूमि उपलब्ध कराई जाती है। बिजली, पानी सब व्यवस्था दरगाह की खिदमत करने वाले परिवार के निर्देशन में पूरी हो जाती है।
रंगपंचमी पर उमड़ता है भक्तों का सैलाब :
इस अवसर की प्रतिक्षा बाबा के अनुयायियों को बेसब्री से रहती है। चादर चढ़ाने के लिए खण्डवा जिले के अलावा प्रदेश के जिलों से भक्तों का सैलाब उमड़ पडता हैं। रंगपंचमी के अवसर पर रविवार को मुख्य दिवस होने से सैलानी बाबा की मजार पर भारी भीड़ का आना गुरूवार से ही शुरू हो गया है। होली से शुरू हुआ मेला दिनों दिन रंगत पकड़ता जा रहा है। सैलानी बाबा मजार परिसर में बड़ी संख्या में लोगों के जरूरतों के सामान की दुकानें लगी हुई है। बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने वालों का ताता लगा हुआ हैं। लोग मन्नत पूरी होने पर चादर, लोभान, अगरबत्ती और मिश्री चढ़ाते हैं।
धार्मिक सदभाव का संदेश :
रंगपंचमी पर मुजावर नेक मोहम्मद के परिवार की ओर से चादर चढ़ाई जायेगी तो हजारों लोग मौजूद रहेंगे। 12 मार्च को रंगपंचमी के अवसर पर दरगाह परिसर में पैर रखने की जगह तक नहीं रहेगी। देह बाधा से पीड़ितों को लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अधिकांश पीड़ित तो इस स्थान पर होली से लेकर पंचमी तक डेरा डाले रहते हैं। पीड़ितों का विश्वास है कि उनकी मुराद पूरी होती है। ग्राम जामली में स्थित सैलानी बाबा की दरगाह हिन्दु/मुस्लिम एकता की मिसाल बनी हुई हैं। यहां मुसलमानों के अलावा हिन्दू भक्तों की उमड़ती भीड़ धार्मिक सदभाव का संदेश देती है।
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